यूक्रेन (Ukraine) में रूसी सेना (Russian Army) के युद्धापराध (War Crimes) के पहले मामले की सुनवाई में रूसी सैनिक को आजीवन कैद की सजा सुनाई गई. रॉयटर्स के मुताबिक, यूक्रेन की एक कोर्ट ने रूसी सैनिक को सोमवार को निहत्थे नागरिकों को मारने के लिए आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है. ये 24 फरवरी को रूस के यूक्रेन पर आक्रमण के बाद युद्धापराध का पहला मामला है. 21 साल के टैंक कमांडर वादिम शिशिमारीन ने उत्तर-पूर्वी यूक्रेन में 62 साल के व्यक्ति को मारने के मामले में अपराध मान कर माफी की मांग की थी. वादिम को उस व्यक्ति को टैंक से उड़ाने के आदेश मिले थे.
इससे पहले 21 साल के रूसी सार्जेंट वादिम शिशिमरीन ने अदालत में कहा था, "मैं जानता हूं कि आप मुझे माफ नहीं कर पाएंगे, लेकिन फिर भी मैं माफी मांगता हूं." वादिम ने 62 साल के उस वृद्ध की पत्नि को संबोधित करते हुए यह कहा जिनके बारे में वादिम यह स्वीकार कर चुका है कि उनकी हत्या उसने आक्रमण के पहले दिन की थी. कीव में नागरिकों की खुलेआम हत्या करने के आरोपी रूसी सैनिक पर मुकदमा चला. यूक्रेन में जंग शुरू होने के बाद इस तरह का पहला मामला है.
युद्ध अपराध क्या है?
द कन्वर्सेशन के मुताबिक यह विचार करने में कि क्या युद्ध अपराध किए गए हैं, कानूनी व्याख्या में झोल हैं. यही कारण है कि फोरेंसिक आपराधिक जांच सच्चाई को उजागर करने में महत्वपूर्ण है.
अंतर्राष्ट्रीय मानवीय कानून नागरिकों या उनकी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने पर पूरी तरह से रोक नहीं लगाता है, और नागरिकों को कुछ क्षति को सहन करता है. हालांकि, जब नागरिकों या नागरिक वस्तुओं पर जानबूझकर हमलों की बात आती है तो कानून स्पष्ट नहीं है. ये युद्ध अपराध हैं, जब तक कि एक नागरिक वस्तु का उपयोग सैन्य उद्देश्यों के लिए भी नहीं किया जा रहा है और इस तरह एक सैन्य लक्ष्य बन जाता है.