रूसी सेना (Russian Army) यूक्रेन (Ukraine) में भीतर तक घुस चुकी है और ख़ूनी जंग राजधानी कीव ( Kyiv)के बाहरी इलाकों तक पहुंच चुकी है. शुक्रवार को तड़के राजधानी में धमाके सुने गए. यूक्रेन की सरकार ने इसे "भयंकर रॉकेट हमले बताया है." रूसी हमले के दूसरे दिन भी राजधानी कीव में धमाके हो रहे हैं. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर ने पश्चिमी देशों की चेतावनी को नज़रअंदाज़ करते हुए यूक्रेन पर पूरी ताकत से हवा और ज़मीन से हमला बोल दिया. इसमें दर्जनों लोगों की जान गईं हैं और कम से कम एक लाख लोग विस्थापित हो गए हैं. अमेरिका और उसके साथियों ने इसके जवाब में रूस पर बहुत बड़े प्रतिबंध लगाए हैं लेकिन रूसी सेना पर इसका कोई असर नहीं दिखा. रूसी सेना ने पहले ही दिन यूक्रेन के रणनीतिक तौर पर अहम ठिकानों पर विजय प्राप्त कर ली.
यूक्रेन के विदेश मंत्री दमित्रो कुलेबा ने तड़के हुए रूसी धमाकों के बाद ट्विटर पर लिखा, " राजधानी कीव पर रूस की तरफ से भयंकर रॉकेट हमले किए जा रहे हैं."
साथ ही उन्होंने कहा , "पिछली बार हमारी राजधानी के साथ ऐसा 1941 में हुआ था जब यूक्रेन पर जर्मनी की नाज़ी सेना ने हमला किया था. यूक्रेन ने उस बुरे वक्त से जीत हासिल की और यूक्रेन इस बार भी जीतेगा."
राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने गुरुवार को कहा, कम से कम हमारे 137 नायक पहले दिन की लड़ाई में मारे गए हैं. उन्होंने देश भर में अनिवार्य सैन्य भर्ती करने और देश के रिजर्व बलों से एक साथ रूस के खिलाफ लड़ने की अपील की.
ज़ेलेंस्की ने कहा कि अब रूस और बाकी दुनिया के बीच शीत युद्ध की तरह एक "नया लोहे का पर्दा है." बाद में उन्होंने यह भी कहा कि रूस से लड़ने के लिए उन्हें अकेला छोड़ दिया गया.
"उन्होंने कहा, हमारे साथ लड़ने के लिए कौन तैयार है? मुझे कोई नहीं दिखता"
इस बीच अमेरिका ने रूसी कुलीनों और बैंको पर प्रतिबंध लगाए हैं और जोर देकर कहा है कि अमेरिकी सेना पूर्वी यूरोप में यूक्रेन में लड़ाई के लिए नहीं जाएगी.
वहीं NATO ने कहा है कि उन्होंने अपने सहयोगी देशों के लिए "रक्षा योजना" को एक्टिवेट कर दिया है.
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