रूसी रक्षा मंत्री सर्गेई शोईगु ने यूक्रेन (Ukraine) के रणनीतिक तौर पर अहम शहर खेरसॉन के निकट अपनी सेना को दनीप्रो नदी के पश्चिमी तट से पीछे हटने के आदेश दिए हैं. रॉयटर्स के अनुसार, यह रूस यूक्रेन युद्ध (Russia Ukraine War) में एक बड़ा मोड़ साबित हो सकता है. साथ ही यह रूस के लिए भी बड़ा झटका है. यूक्रेन ने बुधवार को इस घोषणा पर सावधानीपूर्वक प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कुछ रूसी सेनाएं अभी भी खेरसॉन में हैं और इस क्षेत्र में अतिरिक्त रूसी श्रमशक्ति भेजी जा रही है.
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की के एक वरिष्ठ सलाहकार मिखाइलो पोदोल्याक ने रॉयटर्स से बात करते हुए कहा- जब तक खेरसॉन पर यूक्रेन का झंडा लहरा रहा है, रूसी सेना के पीछे हटने के बारे में कोई मतलब नहीं बनता है.
खेरसॉन सिटी इकलौती क्षेत्रीय राजधानी थी जिसे फरवरी में आक्रमण के बाद रूस ने अपने कब्जे में लिया था. इसके बाद यह यूक्रनी पलटवार के केंद्र में आ गया था. यह शहर क्रीमिया के लिए ज़मीनी- रास्ता नियंत्रित करता है जिसे 2014 में रूस ने यूक्रेन से अलग किया था साथ ही यूक्रेन को दो भागों में बांटने वाली दनिप्रो नदी के मुहाने का इलाका भी इसी क्षेत्र में पड़ता है.
रूस के अधिकारी पिछले कुछ हफ्तों में हज़ारों- लाखों नागरिकों को इस इलाके से निकाल रहे थे.
खेरसॉन क्षेत्र उन चार इलाकों में से एक है जिन्हें राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने सितंबर में "हमेशा" के लिए रूस का हिस्सा घोषित किया था और रूस ने कहा था कि वह उसकी परमाणु सुरक्षा के दायरे में है.
यूक्रेन के राष्ट्रपति के सलाहकार पोदोल्याक ने कहा कि रुस के सैनिकों के दक्षिणी शहर खेरसॉन से पीछे हटने के कोई संकेत दिखाई नहीं दे रहे हैं.
श्री पोदोल्याक ने बुधवार को टि्व्ट किया कि हमें रुस के खेरसॉन से बिना लड़ाई के छोड़ने के कोई संकेत नहीं दिख रहे हैं. उन्होंने कहा कि रूस के सैन्य समूह का एक हिस्सा शहर में है और अतिरिक्त भंडार खेरसॉन क्षेत्र के लिए रखा जाता है.
इससे पहले दिन में, यूक्रेन सरकार द्वारा संचालित यूक्रिनफॉर्म समाचार एजेंसी ने बताया कि रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु ने रूस के सैनिकों को खेरसॉन स्थित दनिप्रो नदी के दाहिने किनारे से हटने और अन्य किनारे पर फिर से संगठित होने का आदेश दिया
रुस के सैनिकों ने गत अप्रैल में खेरसॉन शहर पर नियंत्रण कर लिया था.