रूस (Russia) में संसद समर्थक किताबों के प्रकाशन घर के कारखाने में भीषण आग (Fire) लग गई. बताया जा रहा है कि राजधानी मॉस्को (Moscow) के करीब स्थित इस स्कूली किताबों के बड़े प्रकाशन को रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia Ukraine War) शुरु होने के बाद किताबों से यूक्रेन का नाम मिटाने का आदेश मिला था . न्यूज़वीक (NewsWeek) ने बेलारूस की मीडिया नेक्टा (Nexta) के हवाले से बताया कि वीडियो में दिखता है कि मंगलवार तड़के मॉस्को के बोगोरोदस्क इलाके में रूसी संसद के समर्थक "प्रोस्वेशचेनी" (Prosveshchenie) पब्लिशिंग हाउस में आग लग जाती है जहां छपाई का सामान इकठ्ठा था."
यह आग हाल ही हफ्तों में रूस की संवेदनशील जगहों पर लगने वाली एक और बड़ी आग है. रूस के बड़े केमिकल प्लांट, स्टोरेज डिपो और डिफेंस रिसर्च की जगहों पर भी आग लगने और धमाके होने की घटनाएं हुई हैं. रूस ने इसे लेकर कोई टिप्पणी नहीं की है कि इन रहस्यमी आग की घटनाओं के पीछे कारण क्या है. रूस के आपात मंत्रालय ने रूस की सरकारी न्यूज एजेंसी तास को बताया कि करीब सुबह 3 बजे 34,000 स्क्वायर मीटर इलाके में आग लग गई. पूरी इमारत आग की लपटों में घिर गई."
तास के अनुसार इस प्रकाशन गृह के भंडारघर में किताबें और छपाई का सामान था. नेक्सटा की वीडियो में दिखता है कि पूरी इमारत लपटों में जल रही है और धुंआ उठ रहा है. आपात सेवाएं आग बुझाने की कोशिश कर रही हैं. फायरफाइटर आखिर में 100 लोगों और 37 उपरकरणों की मदद से आग पर काबू पाने में सफल रहे. इस घटना में अभी तक किसी के हताहत होने की खबर नहीं स्पष्ट हो पाई है.
'विवादित प्रकाशन समूह'
यूक्रेन के गृह मंत्रालय के सलाहकार एंटोन गेराशेंको ने आग पर प्रतिक्रिया देते हुए अपने टेलीग्राम चैनल पर कहा कि जब 24 फरवरी को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने यूक्रेन पर हमला शुरु किया था, उसके बाद इस प्रकाशन समूह के मैनेजमेंट को आदेश दिया गया था कि स्कूल की किताबों से कीव और यूक्रेन का ज़िक्र कम से कम कर दिया जाए.
गेराशेंको ने लिखा, " रूस में एक बार फिर बड़ी आग लगी, विवादित टेक्सटबुक प्रकाशन के कारखाने में आग लग गई." द मास्को टाइम्स (The Moscow Times) ने भी इस खबर की पुष्टि की है,
रूस के सबसे बड़े और सबसे पुराने स्कूल की किताबों के प्रकाशन समूह Prosveshchenie के तीन संपादकों ने रूस के स्वतंत्र मीडिया आउटलेट मीडियाज़ोना को नाम ना बताने की शर्त पर बताया, "कर्मचारियों को किताबों से रूस और उसकी राजधानी कीव के "अनुपयुक्त" ज़िक्र को हटाने का काम मिला था. हर कर्मचारी से नौकरी की शर्त पर बड़े स्तर पर गुप्त सामग्री समझौतों (non-disclosure agreements) पर हस्ताक्षर करवाए गए थे." एक कर्मचारी ने बताया, " हमें ऐसा दिखाने का काम मिला था जैसे यूक्रेन मौजूद ही ना हो."