Russia Ukraine War : खेल के मैदान में रूसी हमले से बना 15 फीट गहरा गढ्ढा, देखें Ground Report

Ukraine War: चेर्निहीव शहर में रूस के हमलों में जो 700 लोग मारे गए हैं, उनमें कई खिलाड़ियों के मारे जाने की भी खबरें हैं. इस शहर से रूस का दोस्त देश बेलारूस केवल 40 किलोमीटर दूर है. रूसी हमले का पहला झटका इस शहर को उठाना पड़ा.

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Ukraine War: रूस के चेर्निहीव शहर में रूसी हमले से बर्बाद हुआ खेल का मैदान (प्रतीकात्मक तस्वीर)

यूक्रेन (Ukraine) में खेल के मैदान को भी रूस ने जंग का मैदान बना दिया. यूक्रेन के चेर्निहीव शहर के स्टेडियम पर रूस की तरफ से जो बम गोले दागे गए, उसकी वजह से एक मैदान के बीचों-बीच 15 फीट का गड्ढा हो गया है. इसी हमले में स्टेडियम के स्टैंड पूरी तरह से तबाह हो गए हैं. यहां से मलबे को हटाने का काम चल रहा है. इस स्टेडियम में ना केवल फुटबॉल का मैदान है बल्कि यहां दौड़ के लिए भी ट्रैक बनाया हुआ था.

यहां खिलाड़ी आकर प्रैक्टिस करते थे.  इस इलाके से बड़ी संख्या में यूक्रेन के खिलाड़ी आते थे और इसके बाद कीव से यूक्रेन के खिलाड़ी आते थे, और इसी वजह से चेर्निहीव के इस स्टेडियम का खास महत्व था. इस स्टेडियम में कोई सैन्य गतिविधि नहीं चल रही थी, फिर भी यह स्टेडिम रूसी सेना के निशाने पर आया. इस स्टेडियम की हालात ऐसी क्यों हुई यह सवाल पूछे जाने की ज़रूरत है.

चेर्निहीव शहर में रूस के हमलों में जो 700 लोग मारे गए हैं, उनमें कई खिलाड़ियों के मारे जाने की भी खबरें हैं. इस शहर से रूस का दोस्त देश बेलारूस केवल 40 किलोमीटर दूर है. रूसी हमले का पहला झटका इस शहर को उठाना पड़ा. यहां करीब 40 दिनों पर रूसी सेना ने अलग-अलग हिस्सों को घेरे रखा और कुछ इलाकों को अपने कब्जे में रखा. शहर के अलग-अलग हिस्सों को नुकसान हुआ है. लाखों की तादात में यहां से लोग पलायन कर गए हैं.

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इस शहर से रूस की सेना आगे ना बढ़े इस वजह से कई पुलों को खुद यूक्रेन की सेना ने अपने-आप ही उड़ा दिया ताकि रूसी सेना और उनके टैंक आगे ना बढ़ पाएं. इसी वजह से रूसी सेना जो रसद और मदद लेकर आई थी वो जल्द ही खत्म हो गया और फिर रूसी सेना को यहां से लौटना पड़ा. यहां हमले का खतरा हर वक्त बरकरार रहता है लेकिन शहर को फिर से संवारने की कोशिश की जा रही है. स्टेडिम को फिर से संभालने की कोशिश की जा रही है. लेकिन इसमें लंबा समय लगेगा. जो नुकसान हो गया उसकी भरपाई तो नहीं हो सकती लेकिन स्थानीय लोग अपने मनोबल से फिर से खड़े होने की कोशिश कर रहे हैं.    

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