रूस ने यूएनएससी में स्थायी सदस्यता के लिए भारत का किया समर्थन

लावरोव ने यह भी कहा कि रूस 'मेक इन इंडिया' पहल के तहत आधुनिक हथियारों का उत्पादन शुरू करने के लिए तैयार है. सरकारी समाचार एजेंसी ‘तास’ के अनुसार लावरोव ने कहा कि उन्होंने रूस और भारत के बीच आधुनिक हथियारों के संयुक्त उत्पादन सहित सैन्य-तकनीकी सहयोग के दृष्टिकोण पर चर्चा की. लावरोव ने कहा, 'इस मामले में ठोस प्रगति हुई है.'

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मॉस्को: रूस ने बुधवार को कहा कि वह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) का स्थायी सदस्य बनने की भारत की आकांक्षाओं का समर्थन करता है. रूस ने जी20 शिखर सम्मेलन में विवादास्पद मुद्दों से निपटने में भारत की सफलता को सराहा और इसे उसकी विदेश नीति की 'सच्ची जीत' करार दिया.

सुरक्षा परिषद में 5 स्थायी और 10 अस्थायी सदस्य होते हैं. भारत लंबे समय से यूएनएससी में स्थायी सदस्यता की मांग कर रहा है और दुनिया की बदलती वास्तविकताओं के अनुरूप संयुक्त राष्ट्र में सुधार की जोरदार मांग कर रहा है. सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्य ब्रिटेन, चीन, रूस, अमेरिका और फ्रांस हैं.

रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने यहां अपने भारतीय समकक्ष एस. जयशंकर के साथ बातचीत के बाद कहा, 'हम संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्य के रूप में शामिल होने के लिए भारत की उम्मीदवारी का समर्थन करते हैं.'

जयशंकर रूस की पांच दिवसीय यात्रा पर हैं. लावरोव ने कहा कि इस साल नयी दिल्ली में हुआ जी20 शिखर सम्मेलन के आयोजन से 'भारत की विदेश नीति की सच्ची जीत हुई; यह बहुपक्षीय कूटनीति की जीत थी.'' दरअसल जी20 शिखर सम्मेलन में, भारत यूक्रेन पर बिल्कुल भिन्न विचारों वाले देशों को एक साथ लाने में कामयाब रहा था. जी20 घोषणा पत्र में यूक्रेन के खिलाफ युद्ध के लिए रूस की सीधी आलोचना करने से परहेज किया गया था, इसलिए इसे मेजबान भारत के लिए एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक जीत बताया गया.

लावरोव ने यह भी कहा कि रूस 'मेक इन इंडिया' पहल के तहत आधुनिक हथियारों का उत्पादन शुरू करने के लिए तैयार है. सरकारी समाचार एजेंसी ‘तास' के अनुसार लावरोव ने कहा कि उन्होंने रूस और भारत के बीच आधुनिक हथियारों के संयुक्त उत्पादन सहित सैन्य-तकनीकी सहयोग के दृष्टिकोण पर चर्चा की. लावरोव ने कहा, 'इस मामले में ठोस प्रगति हुई है.'

उन्होंने कहा कि रूस नयी दिल्ली की पहल को समझता है और उसका समर्थन करने के लिए तैयार है. उन्होंने कहा, 'मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत सैन्य-उद्देश्यों में इस्तेमाल होने वाले सामान का उत्पादन किया जाना है. हम इस संबंध में सहयोग करने के लिए तैयार हैं.”

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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