राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) ने गुरुवार को कहा कि रूस ने एक शक्तिशाली नई रणनीतिक मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है. इसके साथ ही उन्होंने रूस द्वारा तीन दशकों से अधिक समय में पहली बार परमाणु विस्फोट (Nuclear Explosions) वाले हथियार परीक्षण करने की संभावना से इनकार करने से इनकार किया है. रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार,पुतिन ने पहली बार कहा कि मॉस्को ने हजारों मील की संभावित रेंज वाली परमाणु ऊर्जा से संचालित और परमाणु-सक्षम क्रूज मिसाइल ब्यूरवेस्टनिक (Burevestnik Missile) का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है.
सरमत अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल प्रणाली पर काम पूरा
उन्होंने विश्लेषकों और पत्रकारों की एक वार्षिक सभा में यह भी बताया कि रूस ने सरमत अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल प्रणाली (Sarmat Intercontinental Ballistic Missile System) पर लगभग काम पूरा कर लिया है, जो इसके नई पीढ़ी के परमाणु हथियारों (Nuclear Weapons) का एक अन्य प्रमुख तत्व है.
"दुश्मन के बचने की कोई संभावना नहीं": पुतिन
24 फरवरी, 2022 को यूक्रेन पर आक्रमण (Russia-Ukraine war) शुरू करने के बाद से बार-बार दुनिया को रूस की परमाणु शक्ति की याद दिलाने वाले पुतिन ने कहा कि सही दिमाग वाला कोई भी व्यक्ति रूस के खिलाफ परमाणु हथियारों का इस्तेमाल नहीं करेगा.
1990 के बाद से रूस ने नहीं किया परमाणु विस्फोट से जुड़ा कोई परीक्षण
सोवियत संघ के पतन (Soviet Union) से एक साल पहले, 1990 के बाद से रूस ने परमाणु विस्फोट से जुड़ा कोई परीक्षण नहीं किया है. लेकिन पुतिन ने इस संभावना से इनकार करने से इनकार कर दिया कि रूस इस तरह के परीक्षण फिर से शुरू कर सकता है. उन्होंने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका ने परमाणु परीक्षणों पर प्रतिबंध लगाने वाली संधि की पुष्टि नहीं की है, जबकि रूस ने इस पर हस्ताक्षर और पुष्टि दोनों की है. उन्होंने कहा, रूस की संसद ड्यूमा के लिए इसके अनुसमर्थन को रद्द करना सैद्धांतिक रूप से संभव होगा.
रूस-अमेरिका के बीच तनाव पिछले 60 वर्षों में सबसे अधिक
इसको लेकर सैन्य विश्लेषकों का कहना है कि रूस, संयुक्त राज्य अमेरिका या दोनों द्वारा परमाणु परीक्षण फिर से शुरू करना ऐसे समय में अत्यधिक अस्थिर करने वाला होगा जब दोनों देशों के बीच तनाव पिछले 60 वर्षों में सबसे अधिक है. फरवरी में, पुतिन ने नई START संधि में रूस की भागीदारी को निलंबित कर दिया, जो प्रत्येक पक्ष (रूस- अमेरिका) द्वारा तैनात किए जा सकने वाले परमाणु हथियारों की संख्या को सीमित करती है.