Ground Report : रूस में युद्ध के बीच तीसरे दिन मतदान जारी, क्रेमलिन में सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त

क्रेमलिन के एरिया में पहले टूरिस्ट बेरोकटोक आ पा रहे थे लेकिन मतदान के मद्देनजर यहां सिक्योरिटी यूनिट ने इलाके से सभी सैलानियों और टूरिस्ट्स को हटाना शुरू कर दिया. क्रेमलिन के इस इलाके में चुनाव के नतीजों के बाद जीत के जश्न की तैयारी की जा रही है

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क्रेमलिन में चुनावों के मद्देनजर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं.

युद्ध के बीच रूस में राष्ट्रपति चुनाव के लिए तीसरे दिन भी वोटिंग जारी है. बता दें कि रूस में राष्ट्रपति चुनाव के लिए आज तीसरे और आखिरी दिन का मतदान सुबह से ही शुरू हो गया है. रूस में मतदान के बीच क्रेमलिन से एनडीटीवी के रिपोर्टर उमाशंकर सिंह की ग्राउंड रिपोर्ट के मुताबिक युद्ध के बीच हो रहे चुनावों के चलते यहां पर इंटरनल सिक्योरिटी को काफी बढ़ा दिया गया है. 

चुनाव के मद्देनजर क्रेमलिन में पुख्ता सुरक्षा बंदोबस्त

क्रेमलिन के एरिया में पहले टूरिस्ट बेरोकटोक आ पा रहे थे लेकिन मतदान के मद्देनजर यहां सिक्योरिटी यूनिट ने इलाके से सभी सैलानियों और टूरिस्ट्स को हटाना शुरू कर दिया. क्रेमलिन के इस इलाके में चुनाव के नतीजों के बाद जीत के जश्न की तैयारी की जा रही है और इस वजह से यहां सुरक्षा बंदोबस्त को पुख्ता किया जा रहा है. 

क्रेमलिन के इस इलाके को अब No Go एरिया कर दिया गया है. और जब यहां पर नतीजों के बाद जश्न का माहौल होगा तो यहां पर सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लोगों को आने दिया जाएगा. इस वजह से क्रेमलिन में जो सैकड़ों की तादाद में टूरिस्ट जमा थे उन्हें बाहर भेज दिया गया है. यहां पर जो यूनिट है वो रूसी सिक्योरिटी का हिस्सा है और वो सुरक्षा के इंतजाम का ध्यान रख रही है. 

पुतिन के खिलाफ मैदान में हैं तीन उम्मीदवार

जानकारी के मुताबिक, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ तीन उम्मीदवारों मैदान में हैं.  पुतिन के खिलाफ खड़े तीन उम्मीदवार लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी के लियोनिद स्लटस्की, न्यू पीपल पार्टी के व्लादिस्लाव दावानकोव और कम्युनिस्ट पार्टी के निकोले खारितोनोव हैं. तीनों को क्रेमलिन समर्थक माना जाता है. खबर के मुताबिक इनमें से कोई भी यूक्रेन के खिलाफ रूस की सैन्य कार्रवाई के खिलाफ नहीं है. 

सीएनएन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ज्यादातर विपक्षी उम्मीदवार या तो मर चुके है या जेल में हैं या फिरप उनको चुनाव लड़ने से रोक दिया गया है. यही वजह है कि पुतिन की जीत करीब तय मानी जा रही है. पुतिन अगर दोबारा राष्ट्रपति चुने जाते हैं तो उनका कार्यकाल करीब 2030 तक बढ़ जाएगा.

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