रूस "नहीं कर सकता अमेरिका सेना की बराबरी, NATO जैसी भी नहीं है क्षमता" : रिपोर्ट

Russia Ukraine War : यूक्रेन आधे साल तक अपनी आजादी बचाए रखने के लिए युद्ध लड़ रहा है और नतीजा साफ ना होने के बावजूद युद्द जारी है वहीं रूस की पारंपरिक सैन्य क्षमताओं पर सवाल उठने लगे हैं.

विज्ञापन
Read Time: 11 mins
Russia के आक्रमण के 6 महीने बाद भी रूसी सेना के सामने टिकी हुई हैं Ukraine की सेनाएं (File Photo)

रूस (Russia) के यूक्रेन पर आक्रमण (Ukraine War) के 6 महीने (6 Months) बाद इस युद्ध से रूसी सेना और अर्थव्यवस्था को लेकर कयास तेज हो गए हैं. इस साल की शुरुआत में अमेरिका (US) , यूरोप (Europe) के अधिकारियों और विश्लेषकों ने अनुमान लगाया था कि रूस की बड़ी सेना, अपने बेहतर हथियारों के बल पर जल्द ही यूक्रेन की सेना पर काबू पा लेंगे. उन्हें यह भी विश्वास था कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन (Vladimir Putin) खुद को अपनी कमजोर अर्थव्यवस्था के कारण सीमित पाएंगे.

ब्लूमबर्ग के अनुसार, अमेरिका के ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ के अध्यक्ष मार्क माइली ने अमेरिकी संसद को चेतावनी दी थी कि यूक्रेन रूसी आक्रमण शुरू होने के 72 घंटों के भीतर रूसी कब्जे में आ जाएगा. राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) ने कहा था कि वो रूबल को मिट्टी में मिला देंगे.  इस बीच पुतिन और उनके करीबी सलाहकारों ने यूक्रेन को एक बंटे हुए देश और और अक्षम नेता वाले देश के तौर पर देखा जहां लड़ने की इच्छाशक्ति ही नहीं होगी. लेकिन यह अपेक्षाएं बुरी तरह से गलत साबित हुई हैं.  

हुआ यह कि यूक्रेन आधे साल तक अपनी आजादी बचाए रखने के लिए युद्ध लड़ रहा है और नतीजा साफ ना होने के बावजूद युद्द जारी है.  साफ यह हुआ है कि पुतिन की उम्मीद के अनुसार, रूस को वैश्विक सैन्य ताकत दिखाने की कोशिश असफल साबित हो रही है.  रूस की पारंपरिक क्षमताओं पर सवाल उठने लगे हैं. इसके कारण नॉर्थ एटलांटिक ट्रीटी ऑर्गनाइज़ेशन का और विस्तार हुआ है. तटस्थ देश फिनलैंड और स्वीडन भी अब इस सैन्य खेमे में शामिल होना चाहते हैं. 

स्कॉटलैंड की यूनिवर्सिटी  ऑफ सेंट एंड्रूज़ की स्ट्रैटजिक स्टडीज़ के प्रोफेसर फिलिप ओ ब्रिन ने कहा, " रूसी सेना अमेरिका की बराबरी की नहीं है. रूसी सेना छोटी नाटो सेना के बराबर भी नहीं है." 

उन्होंने कहा कि यह युद्ध दिखाता है कि रूस उस तरह के जटिल अभियान चलाने की क्षमता नहीं रखता जैसे ब्रिटिश, फ्रांसीसी या इजरायली कर सकते हैं. तो इस मामले में रूस दूसरे दर्जे की सैन्य शक्ति भी नहीं है. "  

यूक्रेन को रूसी हमले में इंफ्रास्ट्रक्चर का भारी नुकसान हुआ है. और बहुत सी सैन्य मौतें हुई हैं.  जबकि इस युद्ध के कारण लाखों लोगों को यूक्रेन छोड़ कर जाना पड़ा. अर्थव्यवस्था डोल रही है. इसके बावजूद राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की एक मजबूत युद्ध के समय के नेता के तौर पर उभरे हैं जो इस समय भी रूसी सेना का भारी नुकसान कर रहे हैं.  रूसी सेना को यूक्रेन की सेना ने राजधानी और पूर्वी भागों से से पीछे हटने पर मजबूर कर दिया था.  यूक्रेन को उन्नत अमेरिकी और यूरोपीय हथियार  मिल रहे हैं
 

Advertisement
Featured Video Of The Day
PM Modi at Khajuraho: पानी का संकट अब होगा खत्म, UP और MP को PM Modi का तोहफा | Metro Nation @10