- रूस ने यूक्रेन पर एक महीने में सबसे बड़ा मिसाइल और ड्रोन हमला कर दिया है.
- पुतिन की शर्तों में यूक्रेन का पूर्वी डोनबास क्षेत्र छोड़ना, नाटो में न शामिल होना और देश को तटस्थ रखना शामिल
- रूस डोनबास के अधिकांश हिस्सों पर नियंत्रण रखता है और यूक्रेन से कुछ कब्जे को छोड़ने पर भी विचार कर रहा है.
जब अमेरिका और पूरा यूरोप रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की ओर जंग रोकने की उम्मीद से देख रहा है, ठीक उसी वक्त रूस ने अपने हमलों को और तेज कर दिया है. यूक्रेनी अधिकारियों ने बताया कि शांति वार्ता के बीच, रूस ने गुरुवार, 21 अगस्त को यूक्रेन पर पिछले एक महीने से अधिक समय में मिसाइल और ड्रोन से सबसे बड़ा हमला बोल दिया है. इसमें नौ नागरिकों की मौत हो गई. वहीं रॉयटर्स ने रूसी सूत्रों के हवाले से एक रिपोर्ट छापी है जिसमें जंग रोकने के लिए पुतिन की शर्तें क्या हैं, वो बताई गई हैं. पुतिन कुछ ऐसा चाहते हैं जो यूक्रेन किसी कीमत पर स्वीकार करने को तैयार नहीं दिख रहा है. आपको यहां सबकुछ बताएंगे.
रूस का यूक्रेन पर भयानक हमला
यह हमला अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा युद्धविराम समझौते के लिए अलास्का में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ बैठक के कुछ दिनों बाद हुआ है. ट्रंप ने अलास्का शिखर सम्मेलन के बाद यूक्रेनी राष्ट्रपति व्लाडिमिर जेलेंस्की और यूरोपीय नेताओं के साथ व्हाइट हाउस में भी बैठक की थी.
अब रूस के हमले के बाद राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा कि रात भर के हमले में, रूस ने यूक्रेन पर कुल 574 स्ट्राइक ड्रोन और 40 मिसाइलें दागीं. उन्होंने रूस पर जकारपट्टिया में अमेरिका के स्वामित्व वाली फैक्ट्रियों को निशाना बनाने का भी आरोप लगाया है.
पुतिन चाहते क्या हैं?
यूक्रेन में जंग खत्म करने को लेकर पुतिन की एक दो नहीं, उससे भी ज्यादा शर्तें हैं. शीर्ष स्तर के क्रेमलिन सोच से परिचित तीन सूत्रों ने न्यूज एजेंसी रॉयटर्स को बताया कि व्लादिमीर पुतिन मांग कर रहे हैं कि
- यूक्रेन पूरे पूर्वी डोनबास क्षेत्र को छोड़ दे
- वह नाटो में शामिल होने की महत्वाकांक्षाओं को त्याग दे
- पूरी तरह तटस्थ रहे
- पश्चिमी सैनिकों को देश से बाहर रखे
संक्षेप में कहें तो रूसी सूत्रों ने कहा, पुतिन ने जून 2024 में जो क्षेत्रीय मांग रखी थीं, उन्हीं पर वो टिके नजर आ रहे हैं. उनकी मांग थी कि यूक्रेन को रूस के हिस्से के रूप में चार प्रांतों को छोड़ दे: पूर्वी यूक्रेन में डोंटेस्क और लुहान्स्क - (मिलकर डोनबास बनाते हैं) - साथ ही दक्षिण में खेरसॉन और जापोरिजिया.
यूक्रेन ने तब भी और बहुत हद तक अब भी उन शर्तों को आत्मसमर्पण (सरेंडर करना) के समान मानकर खारिज कर दिया है.
तीन सूत्रों के अनुसार, अपने नए प्रस्ताव में, रूसी राष्ट्रपति अपनी मांग पर अड़े हुए हैं कि यूक्रेन डोनबास के उन हिस्सों से पूरी तरह से हट जाए जिस पर उसका अभी भी नियंत्रण है. हालांकि, बदले में मास्को जापोरिज्जिया और खेरसॉन में अपने मौजूदा अग्रिम मोर्चों को रोक देगा, उन्होंने कहा.
ट्रंप का यू-टर्न?
द गार्डियन ने एक रिपोर्ट छापी है. इसमें लिखा है कि स्थिति से परिचित ट्रंप प्रशासन के अधिकारियों के अनुसार, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शांति वार्ता से एक कदम पीछे हटते हुए, सीधे तौर पर कोई भूमिका निभाए बिना रूस और यूक्रेन पर यह छोड़ने का इरादा किया है कि वो अपने नेताओं की बैठक कराएं. हालांकि इसपर आधिकारिक मुहर नहीं लगी है.
अधिकारियों ने कहा कि यूक्रेन में युद्ध समाप्त करने के लिए ट्रंप की नजर में अगला चरण रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लोडिमिर जेलेंस्की के बीच द्विपक्षीय बैठक है.