रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia Ukraine War) का असर रूस की अर्थव्यवस्था (Russian Economy) पर साफ तौर से अब दिखाई देने लगा है. ब्लूमबर्ग के अनुसार, एक सदी के बाद पहली बार रूस विदेश मुद्रा पर अपना कर्ज नहीं चुका पाया है. पश्चिमी देशों की तरफ से लगे सख्त प्रतिबंधों (Western Sanctions) के बाद विदेशी कर्जदारों को पैसे चुकाने के लगभग सारे रास्ते रूस के लिए बंद हो गए हैं. कई महीनों तक रूस प्रतिबंधों से बचने के रास्ते निकालता रहा लेकिन आखिर में रविवार को 27 मई को करीब $100 मिलियन की ब्याज चुकाने की समयसीमा निकल गई. इस समयसीमा के निकल जाने को कर्ज चुकाने में असफल होने की तरह देखा जाता है.
रूस के यूरोबॉन्ड मार्च की शुरुआत से ही निचले स्तर पर ट्रेड कर रहे थे. रूस के सबसे बड़े बैंक वैश्विक वित्तीय तंत्रों से चलते हैं, इसी कारण रूस के केंद्रीय बैंक की पूंजी भी किसी काम नहीं आ पा रही है. रूस को यूक्रेन के साथ युद्ध शुरू होने के बाद ही काफी नुकसान हो चुका है लेकिन अब यह कर्ज चुकाने में विफल रहना रूस की डूबती अर्थव्यस्था का नया प्रतीक बन गया है. रूस में रूसी डबल डिजिट की महंगाई दर से गुजर रहे हैं और पिछले कुछ सालों में रूसी अर्थव्यवस्था में सबसे बड़ी कमी आई है.
रूस ने डीफॉल्ट (Default) पर कहा है कि किसी भी तरह के बिल चुकाने लायक जमापूंजी से हिसाब चुकता नहीं करने दिया जा रहा है. पिछले हफ्ते रूस ने घोषणा की थी कि वो $40 बिलियन के बकाया सार्वजनिक कर्ज को रूबल में चुकाएगा. रूस ने कहा कि पश्चिम की तरफ से कृतिम तौर पर जबरन ऐसी स्थिति बनाई जा रही है कि वो कर्ज समय पर ना चुका पाए.
लूमीज़ सैलिस एंड कंपनी LP में वरिष्ठ विदेशी कर्ज के जानकार हसन मलिक कहते हैं, " ऐसा बहुत विरले ही होता है कि किसी सरकार के पास कर्ज चुकाने की क्षमता हो और उसे कोई बाहरी सरकार कर्ज चुकाने में विफल कर दे."
एक औपचारिक घोषणा आम तौर पर किसी रेटिंग फर्म से आती है लेकिन यूरोप के प्रतिबंधों के कारण वो रूसी निकायों की रेटिंग करने से पीछे हट रहे हैं. कर्ज चुकाने की अवधि समाप्त होने की जानकारी देने वाले कागजों से अनुसार अगर कर्ज ना चुकाए जाने सकने वाले वाले बॉन्ड्स के 25% मालिक इसकी पुष्टि करते हैं तो माना जाएगा कि डिफॉल्ट हो गया है."
कर्ज चुकाने की तारीख निकलने के बाद अब देखना होगा कि निवेशन अब आगे क्या करेंगे. बॉन्ड दस्तावेजों के अनुसार, उन्हें तुरंत कुछ करने की आवश्यकता नहीं है और वो युद्द की प्रक्रिया देखना चुन सकते हैं और उम्मीद कर सकते हैं कि प्रतिबंधों को बाद में ढ़ीला किया जाएगा. कर्जदाता कर्ज दिए जाने की तारीख से कर्ज चुकाए जाने के लिए 3 साल का इंतजार कर सकते हैं.
तोक्यो रिसर्च इंस्टीट्यूट के अर्थशास्त्री ताकाहीदे कियुची ने कहा कि अधिकतर कर्जदाता देखो और इंतजार करो की नीति पर चलेंगे. रूस के 1988 के वित्तीय संकट के दौरान जब रूबल की कीमत गिरी थी तब राष्ट्रपति बोरिस येल्तसिन की सरकार $40 billion का स्थानीय कर्ज चुकाने में नाकामयाब हो गई थई.
पिछली बार रूस विदेशी कर्जदारों का पैसा करीब 100 साल पहले 1918 में नहीं चुका पाया था जब व्लादिमिर लेनिन के राज में बोल्शेविक्स पर पुराने कर्ज का भार पड़ गया था.
लूमी सेल्स के मलिक से अनुसार, कुछ आंकलन बताते हैं कि यह कर्ज आज एक ट्रिलियन डॉलर का हो गया है. हसन मलिक ने बैंकर्स एंड बोल्शेविक्स : इंटरनेशनलन फाइनेंस और रूसी क्रांति नाम की एक किताब भी लिखी है.