- पाकिस्तान की इंटेलीजेंस एजेंसी आईएसआई रूस में S400 एयर डिफेंस सिस्टम की तकनीक चोरी करने की कोशिश कर रही थी.
- रूस ने सेंट पीटर्सबर्ग में एक नागरिक को सैन्य हेलीकॉप्टर तकनीक की तस्करी करते हुए गिरफ्तार किया है.
- यह साजिश ऑपरेशन सिंदूर के छह महीने बाद उजागर हुई है, जिसमें भारत ने S400 प्रणाली का इस्तेमाल किया था.
आपने वह कहावत तो सुनी होगी कि चोर, चोरी से जाए, हेराफेरी से न जाए और पाकिस्तान इस कहावत पर एकदम सही उतर रहा है. लेकिन पाकिस्तान इस बार यहां पर चोरी और हेराफेरी दोनों में ही लगा हुआ है. ऑपरेशन सिंदूर के बाद से पाकिस्तान S400 को लेकर इतना परेशान हो चुका है कि उसकी टेक्नोलॉजी के लिए मॉस्को तक उसके जासूस पहुंच गए हैं. भारत के रणनीतिक साझेदार रूस ने पाकिस्तान के उस जासूसी नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है जो उसकी एयर डिफेंस सिस्टम की टेक्नोलॉजी को चोरी करके उसकी स्मगलिंग में लगा हुआ था. आप जानकर हैरान रह जाएंगे कि पाकिस्तान के स्मगलर्स उसी S400 की टेक्नोलॉजी को चोरी करने में लगा हुआ था जो भारतीय वायुसेना (आईएएफ) का खास हथियार है.
मॉस्को तक पहुंचा ISI
माना जा रहा है कि रूस में पाकिस्तान की इंटेलीजेंस एजेंसी आईएसआई की तरफ से चलाया गया यह पहला मिशन हो सकता है. अंग्रेजी अखबार इकोनॉमिक टाइम्स ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि एक काउंटर मिशन में रूस ने अपने एक नागरिक को सेंट पीटर्सबर्ग से गिरफ्तार किया है. इस उस समय पकड़ा है जब वह मिलिट्री हेलीकॉप्टर टेक्नोलॉजी और एयर डिफेंस टेक्नोलॉजी के लिए जरूरी दस्तावेज के साथ Mi8AMTShV और MI8 AMTShV (VA) मिलिट्री कार्गो हेलीकॉप्टर्स के बारे में बाकी जानकारियों की तस्करी करने की कोशिश कर रहा था. बताया गया है कि दस्तावेजों की तस्करी से पहले ही इस साजिश को नाकाम कर दिया गया.
छह महीने बाद आई जानकारी
ऑपरेशन सिंदूर के छह महीने बाद सामने आई है. संघर्ष के दौरान, भारत ने रूस निर्मित एस-400 वायु रक्षा प्रणाली तैनात की थी. इस एयर डिफेंस सिस्टम ने ही बाकी सिस्टम के साथ मिलकर पाकिस्तानी हमलों को असफल करने में भूमिका निभाई थी. पाकिस्तानी साजिश का भंडाफोड़ ऐसे समय में हुआ है जब रूस और पाकिस्तान अपने रिश्ते सुधार रहे थे. उनके बीच संपर्क भी बढ़ रहे थे. इसी साल सितंबर में, शहबाज ने चीन में एससीओ शिखर सम्मेलन के दौरान रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की थी. यहां पर ऐलान किया गया था कि वह नवंबर में रूस का दौरा करेंगे. दोनों देशों के बीच हाल ही में कई उच्च-स्तरीय बातचीत हुई है.
अभी तो सुधर रहे थे रिश्ते
शहबाज के साथ अपनी मुलाकात के दौरान, पुतिन ने पाकिस्तान को एशिया में रूस का 'पारंपरिक साझेदार' बताया. 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान भारत-पाकिस्तान के बीच हुई झड़पों के बाद, पुतिन ने पाकिस्तान और अमेरिका के इस रुख का समर्थन किया कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हस्तक्षेप के कारण ही यह संघर्ष रुका था - एक ऐसा दावा जिसे भारत ने लगातार और स्पष्ट रूप से खारिज किया है. जून में पुतिन और ट्रंप के बीच हुई बातचीत के बाद, क्रेमलिन ने एक बयान में कहा कि दोनों नेताओं ने 'भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष पर चर्चा की, जिसे राष्ट्रपति ट्रंप की व्यक्तिगत भागीदारी से रोका गया है.'













