अमेरिका (US) का आरोप है कि रूस (Russia) चीन (China) से हथियारों से लैस ड्रोन (Drone) मांगे हैं और इसे लेकर अमेरिका ने अपने यूरोपीय सहयोगियों को चेतावनी भी दी है. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका का कहना है कि रूस ने फरवरी के अंत में चीन से हथियारों से लैस ड्रोन के लिए अनुरोध किया था. गौरतलब है कि रूस (Russia) ने फरवरी के आखिरी सप्ताह में ही यूक्रेन पर हमला किया था. इस मामले से जुड़े अमेरिकी अधिकारियों ने बताया कि रूस के इस अनुरोध ने बाइडेन प्रशासन के अधिकारियों को चिंतित कर दिया है. इन अधिकारियों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि ये अधिकारी रूस के सबसे शक्तिशाली दोस्त चीन को रूस की मदद करने से रोकने की कोशिश कर रहे हैं जो इस लड़ाई में व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) के पक्ष में आगे आया है.
सोमवार को अमेरिकी राष्ट्रपति भवन व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन और चीन के शीर्ष राजनयिक और कम्युनिस्ट पार्टी पोलित ब्यूरो के सदस्य यांग जाएची ने यूक्रेन सहित कई मुद्दों पर चर्चा करने के लिए रोम में छह घंटे से अधिक तक मुलाकात की.
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एक अमेरिकी अधिकारी ने बताया कि बैठक में इन मुद्दों पर गहन चर्चा हुई लेकिन इस अधिकारी ने सैन्य सहायता अनुरोध के बारे में जानकारी देने से इंकार कर दिया, जबकि बैठक के बाद यांग ने सभी पक्षों से संघर्ष में संयम बरतने का आह्वान किया.
सुलिवन और यांग की बैठक से पहले, अमेरिकी अधिकारियों ने सैन्य और आर्थिक सहायता के लिए रूस के चीन से किये गए अनुरोध का खुलासा करना शुरू कर दिया था.
झाओ ने कहा था कि अमेरिका चीन को निशाना बनाकर गलत तरीके से गलत सूचना फैला रहा है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि हम शांति वार्ता को बढ़ावा देने में एक रचनात्मक भूमिका निभा रहे हैं.
बाइडेन प्रशासन ने चीन से मदद मांगी है कि वो रूस के साथ अपने प्रभाव का प्रयोग कर संघर्ष को समाप्त करने में मदद करे. रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू हुए अब तीन सप्ताह का समय हो चुका है. राष्ट्रपति के शीर्ष सलाहकारों ने अमेरिका और उसके यूरोपीय तथा एशियाई सहयोगियों द्वारा रूस की अर्थव्यवस्था पर लगाए गए प्रतिबंधों को लागू करने के लिए चीन पर दबाव डाला है.
प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को स्वीकार किया कि रूस के चीन के साथ गठबंधन को लेकर अमरीकी प्रशासन गहरी चिंता में है.