रोम : गरीब देशों के लिए COVID-19 के और टीकों के आह्वान के साथ जी-20 सम्मेलन की शुरुआत

फ्रांसीसी राष्ट्रपति एमैनुअल मैक्रों ने वादा किया कि वह इस सम्मेलन का इस्तेमाल यूरोपीय संघ के साथी नेताओं पर और उदार तरीके से निम्न आय वर्ग के देशों को टीका दान करने के लिए दबाव बनाने के लिए करेंगे.

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इटली के प्रधानमंत्री मारियो द्रागी (फाइल फोटो)
रोम:

इटली के प्रधानमंत्री मारियो द्रागी ने रोम में जी-20 शिखर सम्मेलन की शुरुआत में गरीब देशों के लिए कोविड-19 के और टीकों की व्यवस्था के लिए प्रयास करने का आह्वान किया और वैश्विक स्तर पर टीकाकरण में अंतर को ‘नैतिक रूप से अस्वीकार्य' करार दिया. जी-20 की मेजबानी कर रहे द्रागी ने दो दिवसीय शिखर सम्मेलन की शुरुआत में विश्व के कम संपन्न देशों के लिए टीकों की आपूर्ति बढ़ाने के प्रयासों को गति देने का आह्वान किया. द्रागी ने रेखांकित किया कि संपन्न देशों में 70 प्रतिशत लोगों का टीकाकरण हो चुका है जबकि गरीब देशों में केवल तीन प्रतिशत लोगों को ही कोविड-19 रोधी टीके की खुराक मिली है.

यूरोपीय केंद्रीय बैंक के पूर्व प्रमुख और अर्थशास्त्री द्रागी ने कहा, ‘‘यह अंतर नैतिक रूप से अस्वीकार्य है और वैश्विक रिकवरी को कमतर करता है.'' फ्रांसीसी राष्ट्रपति एमैनुअल मैक्रों ने वादा किया कि वह इस सम्मेलन का इस्तेमाल यूरोपीय संघ के साथी नेताओं पर और उदार तरीके से निम्न आय वर्ग के देशों को टीका दान करने के लिए दबाव बनाने के लिए करेंगे. हालांकि, नागरिक समाज के पैरोकारों जिन्होंने सम्मेलन से पहले जी-20 अधिकारियों के साथ चर्चा की, दान के रुख को लेकर आशंकित है. संयुक्त राष्ट्र विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस साल 40 प्रतिशत वैश्विक टीकाकरण और अगले साल 70 प्रतिशत टीकाकरण का लक्ष्य निर्धारित किया है.

सिविल-20 की स्टिफिना बुर्बो ने पत्रकारों से बातचीत में सवाल उठाया, ‘‘टीका उत्पादन के लिए पेटेंट को स्थगित किए बिना कैसे यह सभी तक पहुंचेगा.'' इतालवी सूत्रों ने बताया कि कई नेताओं ने शनिवार को हुई चर्चा में अफ्रीका जैसे क्षेत्रों में प्रौद्योगिकी हस्तांतरण पर जोर दिया ताकि वे भविष्य में किसी आपात स्थिति के लिए तैयार रहे. इस बार जी-20 शिखर सम्मेलन के एजेंडे में जलवायु परिवर्तन, कोविड-19 के बाद आर्थिक सुधार और वैश्विक न्यूनतम निगमित कर दर है अन्य विषय है जिनपर वर्ष 2020 के शुरुआत के बाद पहली बार आमने-सामने की हो रही विश्व नेताओं की बैठक में चर्चा होगी.

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अमीर देशों ने टीका का इस्तेमाल किया और आर्थिक गतिविधियों को गति देने के लिए प्रोत्साहन राशि खर्च की है जिससे विकासशील देशों के कम टीकाकरण और वित्तीय समस्या की वजह से पीछे रह जाने का खतरा उत्पन्न हो गया है. संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतेरस ने रेखांकित किया कि अमीर देशों ने वार्षिक आर्थिक उत्पादन की 28 प्रतिशत राशि महामारी से उबरने में खर्च की जबकि गरीब देशों का यह आंकड़ा महज दो प्रतिशत है. मैक्रों ने पत्रकारों से कहा कि वह उम्मीद कर रहे हैं कि जी-20 अफ्रीका की अर्थव्यवस्था के लिए 100 अरब डॉलर अतिरिक्त सहायता को मंजूरी देगा.

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संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन से पहले इटली को उम्मीद है कि जी-20 के देश कार्बन उत्सर्जन में कटौती को लेकर महत्वपूर्ण प्रतिबद्धता जताएंगे. जलवायु सम्मेलन रविवार को ग्लासगो, स्कॉटलैंड में शुरू होगा. जी-20 सम्मेलन खत्म होने के तुरंत बाद कई देशों के प्रमुख ग्लासगो जाएंगे. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए सम्मेलन से जुड़ेंगे. जी-20 में न्यूनतम वैश्विक कॉरपोरेट कर पर समझौता होने की संभावना है. समूह के नेताओं को उम्मीद है कि वे वर्ष 2023 तक वैश्विक स्तर पर न्यूनतम कॉरपोरेट कर को 15 प्रतिशत करने की प्रतिबद्धता को औपचारिक जामा पहना पाएंगे.

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व्हाइट हाउस के अधिकारी ने इसकी प्रशंसा करते हुए कदम को ‘धुरी बदलने' वाला करार दिया है. अमेरिकी अधिकारी के मुताबिक इससे राजस्व में कम से कम 60 अरब डॉलर की वृद्धि होगी जिसका इस्तेमाल तीन खबर की सामाजिक सुरक्षा और अवसंरचना विकास पर किया जा सकेगा.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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