"दोनों देशों के रिश्ते...": भारत के साथ हालिया विवाद के बीच मालदीव के साथ संबंधों पर चीन

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन के अनुसार, राष्ट्रपति मुइज्ज़ू चीनी राष्ट्रपति शी के साथ बातचीत करेंगे और कई समझौतों पर हस्ताक्षर करेंगे. चीन और मालदीव के बीच संबंध अब एक नए ऐतिहासिक शुरुआती बिंदु पर खड़े हैं.

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नई दिल्ली:

मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू द्विपक्षीय समझौतों को लेकर इन दिनों बीजिंग में हैं. इसी बीच चीन के सरकारी मीडिया ने एक संपादकीय में मालदीव के साथ भारत के राजनयिक विवाद का जिक्र किया है और दक्षिण एशियाई मुद्दों को देखने के लिए 'खुले दिमाग' वाले दृष्टिकोण का आह्वान किया है. इससे पहले मालदीव सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भारत के सबसे छोटे केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप की यात्रा को लेकर अपमानजनक टिप्पणी करने पर तीन मंत्रियों को निलंबित कर दिया था.

मालदीव सरकार ने तीन मंत्रियों की 'अभद्र' टिप्पणियों से खुद को किनारा कर लिया और इस मामले को उनकी व्यक्तिगत राय बताया. सरकार ने कहा कि हम इस विचार का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं.

मुइज्जू के राष्ट्रपति बनने के बाद भारत-मालदीव के रिश्तों में तनाव
हालांकि, मोहम्मद मुइज्जू के सत्ता में आने के बाद पिछले कुछ महीनों में भारत और द्वीपसमूह राष्ट्र के बीच संबंध तनावपूर्ण हो गए हैं. चीन समर्थक राजनेता के रूप में देखे जाने वाले मुइज्जू ने सितंबर में हुए राष्ट्रपति पद के चुनाव में अपने भारत-हितैषी पूर्ववर्ती इब्राहिम मोहम्मद सोलिह को हराया था.

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ग्लोबल टाइम्स के संपादकीय में कहा गया है कि चीन ने हमेशा मालदीव को एक समान भागीदार माना है और उसकी संप्रभुता का सम्मान किया है.

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चीनी राज्य मीडिया के संपादकीय में कहा गया, "चीन मालदीव और भारत के बीच मैत्रीपूर्ण और सहयोगात्मक संबंधों का सम्मान करता है, नई दिल्ली के साथ अच्छे संबंध बनाए रखने के लिए माले के महत्व को पूरी तरह से जानता है. बीजिंग ने कभी भी माले को चीन और भारत के बीच संघर्ष के कारण नई दिल्ली को अस्वीकार करने के लिए नहीं कहा है, न ही ऐसा करता है. वो मालदीव और भारत के बीच सहयोग को मित्रतापूर्ण देखता है.''

इसमें कहा गया, "वह (चीन) चीन, भारत और मालदीव के बीच त्रिपक्षीय सहयोग करने का भी इच्छुक है. नई दिल्ली को अधिक खुले दिमाग से रहना चाहिए, क्योंकि दक्षिण एशियाई देशों के साथ चीन का सहयोग कोई नगण्य नहीं है."

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व्यापक द्विपक्षीय संबंधों और मालदीव की भारत से निकटता को देखते हुए हाल के दिनों में मुइज्ज़ू के पूर्ववर्तियों ने पहले भारत का दौरा किया, उसके बाद चीन ने वहां प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में निवेश करके द्वीप राष्ट्र में अपना प्रभाव बढ़ाया है.

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राष्ट्रपति मुइज्ज़ू ने पहला आधिकारिक दौरा तुर्की का किया
ग्लोबल टाइम्स ने कहा, "सामान्य परिस्थितियों में, जब कोई नया नेता सत्ता में आता है, तो वे निपटाए जाने वाले मामलों के महत्व और तात्कालिकता के आधार पर अपनी यात्राओं की व्यवस्था करते हैं. राष्ट्रपति मुइज्ज़ू ने भारत के बजाय अपनी पहली आधिकारिक विदेश यात्रा के लिए तुर्की का दौरा करके परंपरा को तोड़ दिया."

समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रपति मुइज्जू ने पत्नी साजिदा मोहम्मद के साथ आज चीन के फ़ुज़ियान प्रांत में ज़ियामेन मुक्त व्यापार क्षेत्र का दौरा किया. ज़ियामेन मुक्त व्यापार क्षेत्र के प्रतिनिधियों ने एक परिचयात्मक वीडियो साझा किया है.

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन के अनुसार, राष्ट्रपति मुइज्ज़ू चीनी राष्ट्रपति शी के साथ बातचीत करेंगे और कई समझौतों पर हस्ताक्षर करेंगे. वांग ने मीडिया से कहा, "चीन और मालदीव के बीच संबंध अब एक नए ऐतिहासिक शुरुआती बिंदु पर खड़े हैं. हमारा मानना ​​है कि इस यात्रा के माध्यम से, दोनों राष्ट्राध्यक्ष द्विपक्षीय संबंधों को नई ऊंचाई तक पहुंचाने के लिए रणनीतिक मार्गदर्शन प्रदान करेंगे."

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