2025 के मौसम पर आखिर यह भविष्यवाणी क्यों कर रहे हैं एक्सपर्ट?

ग्रीनहाउस गैस का स्तर 2023 में एक नए रिकॉर्ड पर पहुंच गया, जिसमें पिछले केवल दो दशकों में 10 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी हुई. विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्ल्यूएमओ) की एक नयी रिपोर्ट में इस बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
नई दिल्ली:

सर्दी के मौसम में हर साल कितनी कड़ाके की ठंड पड़ती है, यकीनन उत्तर भारत के लोग इससे अच्छी तरफ वाकिफ होंगे. लेकिन इस बार मौसम का मिजाज कुछ बदला-बदला सा नजर आ रहा है. अबकी बार उत्तर भारत में वैसी ठंड नहीं पड़ी जैसी की हर साल होती थी. इस बार का दिसंबर भी पिछले गुजरे कई दिसंबर के मुकाबले काफी गर्म रहा. मौसम के मिजाज में लगातार आ रही तब्दीली से हर कोई हैरान है. कभी बेहताशा गर्मी पड़ती है तो कभी बेमौसम की बारिश. 2024 अब तक का सबसे गर्म साल रहा. अब विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) ने सोमवार को चेतावनी दी है कि जैसी गर्मी साल 2024 में पड़ी है, वैसी ही गर्मी 2025 में भी होगी. ग्रीनहाउस गैस (जीएचजी) का स्तर रिकॉर्ड और ऊपर जाएगा, जिससे भविष्य में और भी अधिक गर्मी होगी.

2025 में भी पड़ेगी भयंकर गर्मी

इस चेतावनी को ब्रिटेन के मौसम विभाग के 2025 के पूर्वानुमान में शामिल किया गया है, जिसमें कहा गया है कि वैश्विक औसत तापमान के लिहाज से आने वाला साल 2025 भी काफी गर्म होगा. इससे पहले 2024 और 2023 भी काफी गर्म रहे हैं. वर्ल्ड वेदर एट्रीब्यूशन की प्रमुख डॉ. फ्रेडरिके के मुताबिक साल 2024 अब तक का सबसे गर्म साल रहा. इस दौरान करीब 3700 से ज्यादा लोगों की जान गई. WMO ने पहले ही अनुमान लगा लिया था कि साल 2024 रिकॉर्ड के मामले में काफी गर्म रहेगा. जो कि ग्लोबल वार्मिंग को दो डिग्री सेल्सियस से कम रखने और पूर्व-औद्योगिक स्तर से 1.5 डिग्री सेल्सियस ऊपर रखने के पेरिस समझौते के लक्ष्य को पूरा करने से दूर हैं. इससे पहले साल 2023 में रिकॉर्ड तोड़ 1.45 डिग्री सेल्सियस के साथ सबसे गर्म साल था.

जलवायु परिवर्तन का मौसम पर कितना असर

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने नए साल के संदेश में कहा, "आज, मैं ऑफिशियली रिपोर्ट कर सकता हूं कि हमने जानलेवा गर्मी का एक दशक झेला है. रिकॉर्ड के हिसाब से देखे तो गर्मी के लिहाज से पिछले 10 साल काफी गर्म रहे हैं, जिसमें 2024 भी शामिल है. हमें बर्बादी की इस राह से बाहर निकलना होगा, और हमारे पास खोने के लिए कोई समय नहीं है. 2025 में, देशों को उत्सर्जन में कमी करके दुनिया को सुरक्षित रास्ते पर लाना होगा." जैसे-जैसे वैश्विक तापमान बढ़ता है वैसे-वैसे अत्यधिक गर्मी की घटनाएं गंभीर होती जाती है. WMO ने अत्यधिक गर्मी के जोखिमों से निपटने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग बढ़ाने की बढ़ती आवश्यकता पर जोर दिया. वर्ल्ड वेदर एट्रिब्यूशन और क्लाइमेट सेंट्रल की एक नई रिपोर्ट का हवाला देते हुए, जिक्र किया कि जलवायु परिवर्तन ने 29 चरम मौसम की घटनाओं में से 26 को तेज कर दिया है, जिससे 2024 में कम से कम 3,700 लोग मारे गए और लाखों लोग विस्थापित हुए.

Featured Video Of The Day
Delhi Flood News: Mayur Vihar के अस्थायी शिविरों में फंसे लोग, क्या मिल रही है सुविधा?