Qatar, Indian Navy: भारत ने सोमवार को घोषणा करते हुए बताया कि कतर में मौत की सजा पाए 8 पूर्व भारतीय नौसेना के कर्मियों को रिहा कर दिया गया है. इनमें से 7 नागरिक भारत लौट आए हैं और इसकी जानकारी विदेश मंत्रालय ने अपने आधिकारिक बयान में दी है. इन 7 पूर्व नौसेना कर्मचारियों में सौरभ वशिष्ट, पुर्णेंदू तिवारी, बीरेंद्र कुमार वर्मा, सुगुनाकर पकाला, संजीव गुप्ता, अमित नागपाल और राजेश शामिल है, जो कतर की प्राइवेट कंपनी - दाहरा ग्लोबल कंपनी में काम कर रहे थे.
रिहाई के बाद भारत लौटे 7 पूर्व नौसेना कर्मचारियों (Indian Navy) ने एएनआई से बात करते हुए भारत सरकार के लिए अपना आभार व्यक्त किया. पूर्व नौसेना के एक कर्मचारी ने अपने बयान में कहा, ''भारत वापस लौटने के लिए हमने 18 महीनों तक इंतजार किया है. हम इसके लिए प्रधानमंत्री को अपना आभार व्यक्त करते हैं. हम तहे दिल से भारत की सरकार का शुक्रियाअदा करते हैं क्योंकि उनके सपोर्ट के बिना हम आज यहां नहीं होते.''
एक अन्य पूर्व नौसेना कर्मचारी ने बात करते हुए कहा, ''हम पीएम मोदी के हस्तक्षेप के बिना आज यहां खड़े नहीं होते. साथ ही भारत की सरकार के नियमित प्रयासों के कारण ही यह मुमकिन हो पाया है.''
भारत लौटे अन्य नागरिक ने अपने बयान में कहा, ''भारत वापस लौट कर हम बेहद खुश हैं. हम इसके लिए पीएम मोदी का शुक्रियाअदा करते हैं क्योंकि उन्होंने हमें भारत वापस लाने के लिए हर मुमकिन कोशिश की है.''
अगस्त 2022 में 8 पूर्व नौसेना कर्मियों को किया गया था गिरफ्तार
नौसेना के आठ पूर्व कर्मियों को जासूसी के आरोप में अगस्त 2022 में गिरफ्तार किया गया था और कतर की एक अदालत ने अक्टूबर में उन्हें मौत की सजा सुनाई थी. ये सभी भारतीय नागरिक दहारा ग्लोबल कंपनी के लिए काम कर रहे थे. हालांकि, उन पर लगे आरोपों को कतर के अधिकारियों ने सार्वजनिक नहीं किया था.
मौत की सजा को कम कर सुनाई थी जेल की सजा
विदेश मंत्रालय ने एक प्रेस बयान में कहा था कि, इससे पहले कतर की अदालत ने मामले में आठ पूर्व कर्मियों की मौत की सजा को कम कर दिया था और उन्हें अलग-अलग अवधि के लिए जेल की सजा में तबदील कर दिया था. फैसले के बारे में बताते हुए विदेश मंत्रालय ने कहा था, ''हमने दहरा ग्लोबल मामले में कतर की अपील अदालत के आज के फैसले पर गौर किया है, जिसमें सजाएं कम कर दी गई हैं. विदेश मंत्रालय ने यह भी कहा कि मामले में विस्तृत फैसले का इंतजार है और वह कतर में कानूनी टीम के साथ निकटता से संपर्क बनाए हुए है.''
भारत सरकार ने किया फैसले का स्वागत
क़तर के अमीर के आदेश पर भारतीयों की रिहाई हुई है. आठों भारतीयों को पहले मौत की सज़ा दी गई थी. एक अपील के बाद मौत की सज़ा बदल कर 5 से 25 साल तक की क़ैद की सज़ा दी गई थी. दूसरी अपील पर सुनवायी चल रही थी. इस बीच अमीर के आदेश पर रिहाई हो गई. सात भारतीय देश लौट गए हैं. भारत ने क़तर के अमीर का शुक्रिया किया है.