- क्रेमलिन ने यूक्रेन, रूस और अमेरिका के बीच त्रिपक्षीय वार्ता की संभावनाओं से स्पष्ट रूप से इनकार किया है
- यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने अमेरिकी त्रिपक्षीय प्रस्ताव का उल्लेख किया लेकिन उसकी सफलता पर संदेह जताया था
- मियामी में अमेरिकी, यूक्रेनी, रूसी और यूरोपीय टीमों के बीच संघर्ष समाप्ति के लिए बातचीत हुई है
रविवार को क्रेमलिन ने यूक्रेन, रूस और अमेरिका के बीच त्रिपक्षीय वार्ता की संभावनाओं से इनकार किया, जबकि संघर्ष को समाप्त करने के लिए राजनयिक मियामी में बातचीत के लिए एकत्रित हुए थे. एक दिन पहले, यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने कहा था कि वाशिंगटन ने त्रिपक्षीय प्रारूप का प्रस्ताव रखा था, जो छह महीने में मॉस्को और कीव की पहली आमने-सामने की बातचीत होगी. हालांकि, उन्होंने इसकी सफलता पर संदेह व्यक्त किया था.
रूस का जवाब
रूसी समाचार एजेंसियों के अनुसार, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के विदेश नीति सलाहकार यूरी उशाकोव ने पत्रकारों से कहा, "फिलहाल, किसी ने भी इस पहल पर गंभीरता से चर्चा नहीं की है, और मेरी जानकारी के अनुसार, इसकी कोई तैयारी नहीं चल रही है." अमेरिकी त्रिपक्षीय प्रस्ताव का खुलासा करने के बाद, जेलेंस्की ने कहा था कि इस बैठक में यूरोपीय दूत भी उपस्थित हो सकते हैं और ऐसी संयुक्त बैठक आयोजित करना "तार्किक" होगा, लेकिन फिर उन्होंने पत्रकारों से कहा, "मुझे यकीन नहीं है कि इससे कुछ नया निकल पाएगा."
मियामी में क्या हुआ
रूसी दूत किरिल दिमित्रीव शनिवार को मियामी पहुंचे, जहां यूक्रेनी और यूरोपीय टीमें भी शुक्रवार से अमेरिकी विशेष दूत स्टीव विटकॉफ और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दामाद जेरेड कुशनर की मध्यस्थता में वार्ता के लिए एकत्रित हैं. उस्काकोव ने कहा, "दिमित्रीव मॉस्को लौटेंगे, अपनी रिपोर्ट देंगे और हम आगे की रणनीति पर चर्चा करेंगे." क्रेमलिन के शीर्ष सहयोगी ने रविवार को रूसी पत्रकारों से यह भी कहा कि उन्होंने अमेरिकी, यूक्रेनी और यूरोपीय टीमों के बीच हुई वार्ता के बाद संघर्ष को समाप्त करने के लिए संशोधित अमेरिकी प्रस्ताव "नहीं देखा है."
यूक्रेनी और रूसी दूतों के बीच आखिरी बार आधिकारिक सीधी बातचीत जुलाई में इस्तांबुल में हुई थी, जिसके परिणामस्वरूप कैदियों की अदला-बदली तो हुई, लेकिन ठोस प्रगति के नाम पर कुछ खास हासिल नहीं हुआ.
यूरोप का शामिल होना बड़ी बात
मियामी में रूसी और यूरोपीय भागीदारी पहले की तुलना में एक कदम आगे बढ़ना माना जा सकता है. इससे पहले अमेरिका ही दोनों पक्षों के साथ अलग-अलग स्थानों पर अलग-अलग बातचीत करता था. हालांकि, द्वितीय विश्व युद्ध के बाद यूरोप के सबसे खूनी संघर्ष के लगभग चार वर्षों के बाद दोनों पक्षों के बीच बेहद तनावपूर्ण संबंधों ने यूक्रेन-रूस की सीधी बातचीत की संभावना पर संदेह पैदा कर दिया है.
मॉस्को, जिसने फरवरी 2022 में यूक्रेन में सेना भेजी थी, का यह भी तर्क है कि बातचीत में यूरोपीय भागीदारी केवल प्रक्रिया में बाधा डालती है. इस बीच, ज़ेलेंस्की ने X पर कहा कि "पिछले एक सप्ताह में, रूस ने यूक्रेन पर लगभग 1,300 हमलावर ड्रोन, लगभग 1,200 निर्देशित हवाई बम और विभिन्न प्रकार की 9 मिसाइलें दागी हैं", जिनमें ओडेसा क्षेत्र और देश का दक्षिणी भाग "विशेष रूप से बुरी तरह प्रभावित" हुआ है.













