पैतोंगटार्न शिनावात्रा: थाईलैंड की वो प्रधानमंत्री जिनके परिवार में पीएम बनने की परंपरा है

पैतोंगटार्न शिनावात्रा थाईलैंड की सबसे युवा प्रधानमंत्री हैं. शुक्रवार को थाईलैंड में आए विनाशकारी भूकंप के बाद से अपनी सक्रियता की वजह से वो लगातार सुर्खियों में बनी हुई हैं. आइए जानते हैं कि कैसा रहा है पैतोंगटार्न शिनावात्रा का सफर.

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नई दिल्ली:

थाईलैंड में शुक्रवार को विनाशकारी भूकंप आया. जिस समय भूकंप आया, उस समय थाईलैंड की प्रधानमंत्री पैतोंगटार्न शिनावात्रा फुकेत प्रांत में एक बैठक कर रही थीं. बैठक के दौरान ही उन्हें भूकंप की सूचना दी गई. थाई पीएम ने बैठक को बीच में रोककर अधिकारियों और अपने मंत्रियों को ऑनलाइन जोड़ कर एक बैठक की और राहत और बचाव के लिए जरूरी निर्देश दिए. इसी बैठक में वो दो मोबाइल फोन पर बात करती हुई नजर आईं. उनकी यह फोटो वायरल हो गई. आइए जानते हैं कि कौन हैं पैतोंगटार्न शिनावात्रा और क्या है उनके परिवार की विरासत.

कौन हैं पैतोंगटार्न शिनावात्रा

पैतोंगटार्न शिनावात्रा अभी 38 साल की है. वो थाईलैंड की सबसे युवा प्रधानमंत्री हैं.शिनावात्रा परिवार थाईलैंड का एक प्रभावशाली राजनीतिक परिवार हैं. पैतोंगटार्न शिनावात्रा प्रधानमंत्री बनने वाली इस परिवार की तीसरी सदस्य हैं. उनके पिता थाकसिन शिनावात्रा और बुआ यिंगलक शिनावात्रा भी प्रधानमंत्री रह चुकी हैं. उनकी बुआ थाईलैंड की पहली महिला प्रधानमंत्री थीं.पैतोंगटार्न के पिता की सरकार को 2006 में एक सैन्य तख्तापटल के बाद पद से हटा दिया गया था.उस समय वो एक आधिकारिक यात्रा पर अमेरिका गए हुए थे. वहीं पैतोंगटार्न की बुआ यिंगलक शिनावात्रा को 2014 में एक अदालती फैसले के बाद पद से हटा दिया गया था.

थाईलैंड में शुक्रवार को आए विनाशकारी भूकंप के बाद नुकसान की जानकारी लेतीं प्रधानमंत्री पैतोंगटार्न शिनावात्रा

 बैंकॉक में 21 अगस्त 1986 को पैदा हुईं पैतोंगटार्न शिनावात्रा अपने पिता थाकसिन शिनावात्रा की सबसे छोटी संतान हैं.उनका राजनीतिक सफर भी काफी छोटा रहा है.पैतोंगटार्न ने मार्च 2022 में राजनीति की दुनिया में कदम रखा था.उन्हें फ्यू थाई पार्टी के परिवार का प्रमुख चुना गया था.अक्टूबर 2023 में वो अपनी फ्यू थाई पार्टी की प्रमुख चुनी गई थीं. इस पार्टी की स्थापना उनके पिता थाकसिन शिनावात्रा ने 2007 में की थी.

पैतोंगटार्न शिनावात्रा  का राजनीतिक सफर

प्रधानमंत्री स्रेथा थाविसिन ने एक सजायाफ्ता वकील को मंत्री नियुक्त कर दिया था. अदालत ने उनके इस कदम को गैरकानूनी मानकर प्रधानमंत्री पद से हटा दिया था. इसके बाद से पैतोंगटार्न शिनावात्रा को प्रधानमंत्री चुना गया.पैतोंगटार्न फ्यू थाई पार्टी की सदस्य हैं.थाईलैंड के दो सदनों वाली संसद के निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स में 141 सदस्य हैं. पैतोंगटार्न की सरकार को 10 दूसरे दलों का भी समर्थन हासिल है. प्रधानमंत्री के चुनाव में 493 सदस्यों वाले सदन में पैतोंगटार्न को 314 वोट मिले थे. कुल 145 सदस्यों ने उनके खिलाफ वोट किया था तो 27 सदस्य गैर हाजिर थे. साल 2023 में कराए गए आम चुनाव में पैतोंगटार्न शिनावात्रा ने अपनी पार्टी के लिए जोरदार प्रचार किया था. उनकी इस सक्रियता ने उन्हें प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाने में मदद की.

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पैतोंगटार्न शिनावात्रा का राजनीतिक सफर बहुत छोटा है.

प्रधानमंत्री पद का चुनाव जीतने के बाद पैतोंगटार्न शिनावात्रा ने कहा था कि देश को आगे ले जाना होगा. पैतोंगटार्न ने चुलालॉन्गकॉर्न विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान, समाजशास्त्र और एंथ्रोपोलॉजी में ग्रेजुएशन की डिग्री ली है. उन्होंने ब्रिटेन के एक विश्वविद्यालय से होटल मैनेजमेंट में मास्टर की डिग्री ली है. शिनावात्रा थाईलैंड का एक प्रमुख व्यापारिक घराना है. पैतोंगटार्न के पास करीब दो अरब डॉलर मूल्य की 21 कंपनियां हैं.शिनावात्रा परिवार टेलीकम्यूनिकेशन के फिल्ड में काम करता है.

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