पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को भ्रष्टाचार रोधी निगरानी संस्था को पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) को एक घंटे के भीतर पेश करने का आदेश दिया. इसके साथ ही न्यायालय ने कहा कि एजेंसी ने अदालत परिसर में प्रवेश कर और रजिस्ट्रार की अनुमति के बिना खान को गिरफ्तार कर 'अदालत की अवमानना' की है.
प्रधान न्यायाधीश उमर अता बंदियाल, न्यायमूर्ति मुहम्मद अली मजहर और न्यायमूर्ति अतहर मिनल्लाह की तीन सदस्यीय पीठ ने यह निर्देश जारी किया. पीठ ने अल-कादिर ट्रस्ट मामले में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के अध्यक्ष इमरान खान की गिरफ्तारी के खिलाफ याचिका पर सुनवाई की.
पीठ ने सुनवाई के दौरान 70 वर्षीय खान को इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के परिसर से गिरफ्तार किए जाने के तरीके पर नाराजगी जताई.
डॉन समाचार पत्र के अनुसार प्रधान न्यायाधीश ने सवाल किया, 'अगर 90 लोग परिसर में प्रवेश कर जाते हैं तो अदालत की क्या गरिमा रह जाती है? अदालत परिसर से किसी व्यक्ति को कैसे गिरफ्तार किया जा सकता है?'
उन्होंने कहा, 'विगत में, अदालत के अंदर तोड़फोड़ को लेकर वकीलों के खिलाफ कार्रवाई की गई है. अगर किसी व्यक्ति ने अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया है, तो उसे गिरफ्तार करने का क्या मतलब है?'
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) ने 'अदालत की अवमानना' की है. उन्होंने कहा, 'गिरफ्तारी से पहले ब्यूरो को अदालत के रजिस्ट्रार से अनुमति लेनी चाहिए थी. अदालत के कर्मचारियों के साथ भी दुर्व्यवहार किया गया.'
पीठ ने एनएबी को शाम साढ़े चार बजे (स्थानीय समयानुसार) खान को पेश करने का निर्देश दिया. उस समय अदालत की कार्यवाही फिर शुरू होगी.
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