अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस तथा भारतीय अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा जोनस ने भारत से अपने जुड़ाव को साझा करते हुए विवाह एवं वेतन में समानता और जलवायु परिवर्तन समेत विभिन्न मुद्दों पर बातचीत की. अब लॉस एंजिलिस मे रह रहीं अभिनेत्री एवं निर्माता प्रियंका को ‘डेमोक्रेटिक नेशनल कमेटी' के ‘वीमन लिडरशिप फोरम' ने उपराष्ट्रपति हैरिस का साक्षात्कार करने के लिए आमंत्रित किया था. गायक निक जोनस से शादी के बाद से प्रियंका अमेरिका में बस गई हैं. दोनों की एक बेटी भी है, जिसका जन्म इस साल जनवरी में हुआ था. अभिनेत्री ने इस साक्षात्कार की शुरुआत दोनों के भारत से जुड़े होने के बारे में बात करते हुए की.
प्रियंका ने डेमोक्रेटिक पार्टी के देशभर के कुछ प्रख्यात लोगों की मौजूदगी के बीच कहा, ‘‘मुझे लगता है कि एक तरह से हम दोनों ही भारत की बेटी हैं.''
उन्होंने कहा, ‘‘ आप अमेरिका की एक बेटी हैं, जिनकी मां भारतीय और पिता जमैका से थे. मैं एक भारतीय माता-पिता की बेटी हूं, जो हाल ही में इस देश में आ बसी.''
हैरिस (57) का जन्म कैलिफोर्निया के ओकलैंड में हुआ था. उनकी मां श्यामला गोपालन भारत के तमिलनाडु से नाता रखती थीं और पिता डोनाल्ड जे. हैरिस जमैका के थे. दोनों ही अपने-अपने देश छोड़कर अमेरिका में जा बसे थे. वह अमेरिका के उप राष्ट्रपति पद का कार्यभार संभालने वाली पहली अश्वेत अमेरिकी महिला और पहली दक्षिण एशियाई अमेरिकी हैं.
यूनीसेफ (संयुक्त राष्ट्र बाल कोष) की सद्भावना दूत प्रियंका चोपड़ा जोनस ने कहा कि अमेरिका पूरी दुनिया के लिए आशा, स्वतंत्रता की एक किरण के रूप में पहचाना जाता है और ‘‘ इस समय इन सिद्धांतों पर लगातार हमले किए जा रहे हैं.''
अभिनेत्री (40 वर्ष) ने कहा कि 20 साल तक काम करने के बाद पहली बार इस साल उन्हें पुरुष कलाकार के बराबर पैसे मिले. उन्होंने वैवाहिक जीवन में समानता पर भी बात की. वहीं, हैरिस ने भी माना कि हम एक अस्थिर दुनिया में रह रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘‘ मैं एक उपराष्ट्रपति के तौर पर दुनियाभर की यात्रा कर रही हूं. मैंने 100 विश्व नेताओं से मुलाकात की है या फोन पर बात की है. ''
उन्होंने कहा, ‘‘ वे चीजें जिन्हें हम लंबे समय से हल्के में ले रहे थे, उन पर अब चर्चा की जा रही है.''
हैरिस ने कहा, ‘‘ यूक्रेन में बिना किसी उकसावे के रूस के युद्ध को देखिए...हमें लगता था कि क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता का मुद्दा एक दम सुलझा हुआ है..लेकिन अब उस पर ही बहस जारी है..''
हैरिस ने अमेरिका की बात करते हुए कहा, ‘‘ हम अपने देश में भी यही देखते हैं. हमें लगता था कि मताधिकार अधिनियम के साथ हर एक अमेरिकी का मतदान का अधिकार सुरक्षित है ..''
उन्होंने कहा कि 2020 चुनाव के बाद जो हुआ ...कुछ लोग जानबूझकर लोगों के लिए मतदान करना मुश्किल बना रहे हैं.
मताधिकार अधिनियम 1965 में यह सुनिश्चित करने के लिए पारित किया गया था कि राज्य व स्थानीय सरकारें ऐसे कानून या नीतियां पारित न करें जो अमेरिकी नागरिकों को नस्लीय आधार पर वोट देने के समान अधिकार से वंचित करे. 25 जून 2013 को उच्चतम न्यायालय ने शेल्बी काउंटी बनाम होल्डर मामले में इस ऐतिहासिक कानून के एक प्रमुख प्रावधान को हटा दिया था.
हैरिस ने कहा, ‘‘ हमें लगता था कि एक महिला का अधिकार - संवैधानिक अधिकार, अपने शरीर के बारे में फैसला करने का अधिकार सुरक्षित है, लेकिन अब ऐसा नहीं है.''
अमेरिका के उच्चतम न्यायालस ने हाल ही में ‘रो वर्सेज़ वेड' मामले के 1973 के फैसले को पलट दिया था, जिसने गर्भपात का संवैधानिक अधिकार बनाया था.
प्रियंका के साथ सहमति जताते हुए हैरिस ने कहा, ‘‘ आप एकदम सही कह रही हैं अभी कई चीजों पर बात करने की जरूरत है.''
इस दौरान प्रियंका और हैरिस ने जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर भी अपने विचार साझा किए.