कतर ने भारतीय नौसेना के आठ पूर्व कर्मियों को रिहा कर दिया है. इनमें से सात के आज दिल्ली पहुंचने के बाद विदेश मंत्रालय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कतर की जेल में बंद आठ नौसैनिकों को छुड़ाने के लिए किए जा रहे प्रयासों की व्यक्तिगत रूप से निगरानी कर रहे हैं. एक विशेष ब्रीफिंग के दौरान मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए, विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने कहा, "ये प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व का प्रमाण है और भारत-कतर संबंधों की ताकत को भी दर्शाता है."
कथित तौर पर जासूसी के आरोप में पिछले साल अक्टूबर में कतर की एक अदालत ने नौसेना के पूर्व कर्मियों को मौत की सजा सुनाई थी. ना तो भारत और ना ही कतर ने अपने ऊपर लगे आरोपों पर सार्वजनिक रूप से कोई टिप्पणी की है. अपनी गिरफ्तारी से पहले, ये कर्मी निजी फर्म दाहरा ग्लोबल के लिए काम कर रहे थे और कतर नौसेना को प्रशिक्षण देने में शामिल थे.
कैप्टन नवतेज सिंह गिल (सेवानिवृत्त), कैप्टन सौरभ वशिष्ठ (सेवानिवृत्त), कमांडर पूर्णेंदु तिवारी (सेवानिवृत्त), कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा (सेवानिवृत्त), कमांडर सुगुनाकर पकाला (सेवानिवृत्त), कमांडर संजीव गुप्ता (सेवानिवृत्त), कमांडर अमित नागपाल (सेवानिवृत्त) और नाविक रागेश (सेवानिवृत्त) को 2022 में कतर में गिरफ्तार किया गया था और तब से वे जेल में थे, वे आज सुबह 2 बजे दिल्ली पहुंचे हैं.
इनकी वापसी को भारत के लिए बड़ी कूटनीतिक जीत के तौर पर देखा जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दुबई में COP28 शिखर सम्मेलन के मौके पर कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी से मुलाकात के तुरंत बाद उनकी मौत की सजा को कम कर दिया गया था.
वहीं दूसरे पूर्व कर्मी ने कहा, "हमने भारत वापस आने के लिए 18 महीने तक इंतजार किया. हम प्रधानमंत्री के बेहद आभारी हैं. ये उनके व्यक्तिगत हस्तक्षेप और कतर के साथ उनके समीकरण के बिना संभव नहीं होता. भारत सरकार के हर प्रयास के प्रति हमारा हार्दिक आभार है."