भारत जल्द तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा, पीएम मोदी ने ऑस्ट्रियाई कंपनियों को दिया न्योता

प्रधानमंत्री मोदी ने स्टार्टअप के क्षेत्र में भारत की सफलता, अगली पीढ़ी के बुनियादी ढांचे के निर्माण और हरित एजेंडा पर आगे बढ़ने की प्रतिबद्धता का भी जिक्र किया.

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वियना:

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को ऑस्ट्रिया की कंपनियों को भारत की ‘शानदार विकास गाथा' में शामिल होने का न्योता दिया. उन्होंने कहा कि वे घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों के लिए ‘मेक इन इंडिया' कार्यक्रम के तहत उच्च गुणवत्ता और लागत प्रभावी विनिर्माण का लाभ उठा सकती हैं.

ऑस्ट्रिया के चांसलर कार्ल नेहमर के साथ उद्योग जगत के प्रमुखों को अपने संबोधन में मोदी ने सेमीकंडक्टर, चिकित्सा उपकरण और सौर पीवी सेल सहित अन्य क्षेत्रों में वैश्विक विनिर्माण कंपनियों को आकर्षित करने के लिए भारत की उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना का विशेष रूप से उल्लेख किया.

विदेश मंत्रालय के बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री ने ऑस्ट्रिया के उद्योगपतियों से भारत में तेजी से उभर रहे अवसरों पर गौर करने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि भारत अगले कुछ वर्षों में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर बढ़ रहा है.

प्रधानमंत्री मोदी मंगलवार शाम रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात के बाद दो दिवसीय यात्रा पर मंगलवार शाम मॉस्को से यहां पहुंचे. यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की 40 साल से अधिक समय बाद ऑस्ट्रिया की पहली यात्रा है.

मोदी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर लिखा, ‘‘भारत और ऑस्ट्रिया उद्योगपतियों से मुलाकात की. दोनों देश वाणिज्यिक और व्यापार संबंधों को बढ़ावा देने के लिए आने वाले कई अवसरों का लाभ उठाने के लिए आश्वस्त हैं.''

ऑस्ट्रियाई चांसलर नेहमर ने ‘एक्स' पर लिखा कि विज्ञान और अनुसंधान के क्षेत्र में दोनों देश ऑस्ट्रियाई और भारतीय तकनीकी विश्वविद्यालयों के बीच महत्वपूर्ण सहयोग समझौते को अंतिम निष्कर्ष पर पहुंचाने के बहुत करीब है.

उन्होंने कहा, ‘‘इस समझौते के साथ आगे की भागीदारी औषधि, शिक्षा, प्रौद्योगिकी, डिजिटल बुनियादी ढांचे और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में हमारे रिश्तों को और मजबूत बनाएगी. ऑस्ट्रिया इस क्षेत्र में काफी विशेषज्ञता रखता है.''

मंत्रालय ने बयान में कहा कि दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने और भारत और ऑस्ट्रिया के बीच आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देने में उद्योग जगत की भूमिका को स्वीकार किया.

दोनों नेताओं ने इस बात पर गौर किया कि देशों के बीच व्यापार और निवेश पिछले कुछ साल से बढ़ रहा है. उन्होंने मजबूत सहयोग के माध्यम से भारत-ऑस्ट्रिया साझेदारी की पूरी क्षमता को हकीकत रूप देने का आह्वान किया. विदेश मंत्रालय के अनुसार, मोदी ने ऑस्ट्रियाई कंपनियों से घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों के लिए ‘मेक इन इंडिया' कार्यक्रम के तहत और वैश्विक आपूर्ति व्यवस्था गंतव्य के रूप में उच्च गुणवत्ता और लागत प्रभावी विनिर्माण के लिए भारतीय आर्थिक परिदृश्य का लाभ उठाने का आग्रह किया.

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इस संदर्भ में, प्रधानमंत्री ने सेमीकंडक्टर, चिकित्सा उपकरण और सौर पीवी सेल सहित अन्य क्षेत्रों में भारत की पीएलआई योजना का जिक्र किया.

आधिकारिक बयान के अनुसार, मोदी ने कहा कि भारत की आर्थिक ताकत और कौशल तथा ऑस्ट्रियाई प्रौद्योगिकी व्यापार वृद्धि और पर्यावरण अनुकूल उपायों के लिए स्वाभाविक भागीदार हैं.

विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने ऑस्ट्रियाई कंपनियों को भारत में निवेश के अवसरों का लाभ उठाने और भारत की शानदार विकास गाथा का हिस्सा बनने के लिए आमंत्रित किया.'' अपने संबोधन में, प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने पिछले 10 साल में उल्लेखनीय प्रगति की है. देश में राजनीतिक स्थिरता, भरोसेमंद नीतियां हैं और लगातार सुधारों को आगे बढ़ाया जा रहा है. उन्होंने कारोबार सुगमता के लिए सरकार की तरफ से उठाए जा रहे उपायों का भी उल्लेख किया.

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प्रधानमंत्री मोदी ने स्टार्टअप के क्षेत्र में भारत की सफलता, अगली पीढ़ी के बुनियादी ढांचे के निर्माण और हरित एजेंडा पर आगे बढ़ने की प्रतिबद्धता का भी जिक्र किया.

उन्होंने यह भी कहा कि कि भारत और ऑस्ट्रिया के बीच स्थापित स्टार्टअप ब्रिज से उल्लेखनीय परिणाम मिलेंगे. दोनों देशों के बीच नवोन्मेष और उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए, इंडिया ऑस्ट्रिया स्टार्टअप ब्रिज फरवरी, 2024 में शुरू किया गया था. भारत-ऑस्ट्रिया के बीच द्विपक्षीय व्यापार 2023 (जनवरी-दिसंबर) में 2.93 अरब डॉलर था. ऑस्ट्रिया को भारतीय निर्यात 1.52 अरब डॉलर और आयात 1.41 अरब डॉलर था.

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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