- दुबई की चमक-दमक के पीछे छिपा है पोर्टा-पॉटी पार्टियों का अंधेरा सच.
- इन पार्टियों में लड़कियों को महंगे गिफ्ट्स का लालच देकर बुलाया जाता है.
- पीड़ितों ने बताया कि यहां उन पर अत्याचार और हिंसा की जाती है.
- एक यूक्रेनी मॉडल का शव मिलने से इन गुप्त पार्टियों की सच्चाई सामने आई.
दुबई... एक शहर जहां जिंदगी किसी खूबसूरत सपने से कम नहीं लगती. चमचमाती गगनचुंबी इमारतें, महंगे शॉपिंग मॉल्स, लक्जरी कारों की दौड़ और दौलत की वो दुनिया जो आम इंसान सिर्फ कल्पना में सोच सकता है. लेकिन इस सुनहरी रेत के नीचे एक काला सच दबा है. इतना काला कि सुनकर आपकी रूह कांप उठेगी. दुबई की इस लग्जरी दुनिया के पीछे, एक अंधेरा है- 'पोर्टा-पॉटी पार्टियों' का. एक ऐसा गंदा खेल, जहां इंसानियत शर्मसार होती है. कुछ लड़कियों ने जब इस खौफनाक सच को दुनिया के सामने लाना शुरू किया, तब जाकर लोगों की आंखें खुलीं. रेडिट हो या टिकटॉक, एक के बाद एक कई मॉडल्स, इन्फ्लुएंसर्स और यहां तक कि फ्लाइट अटेंडेंट्स तक की दर्दभरी दास्तां सामने आने लगीं.
पीड़ितों के मुताबिक, इन सीक्रेट पार्टियों में उनके साथ जो होता है, उसे शब्दों में बयां करना मुश्किल है. थूकना, पेशाब करना, हिंसा, शारीरिक यातनाएं- यहां तक कि जानवरों जैसा बर्ताव. और कई बार, तो ये 'पार्टीज' मौत की वजह बन जाती हैं. 20 साल की एक यूक्रेनी मॉडल मारिया कोवालचुक थाईलैंड जाने वाली थी. लेकिन उसके शव की खबर आई दुबई की एक सड़क से. रीढ़ की हड्डी टूटी हुई, शरीर पर गंभीर चोटें. दुबई पुलिस का कहना था कि वो 'निर्माण स्थल से गिरी'. लेकिन क्या यही सच है?
उसकी मां और वकील कहते हैं – 'नहीं! मारिया पोर्टा-पॉटी की एक और शिकार थी.'
क्या हैं ये पॉट्स-पॉटी पार्टियां?
'पोर्टा-पॉटी पार्टियों'. ये वो गुप्त पार्टियां हैं जिनकी चर्चा दबी जुबान में होती है, लेकिन इनकी क्रूर सच्चाई किसी को भी हैरान कर सकती है. दुबई के बड़े-बड़े रईस, दौलत और ताकत के नशे में चूर, इन पार्टियों के पीछे होते हैं. इनके निशाने पर होती हैं खूबसूरत लड़कियां- मॉडल्स, एक्ट्रेसेस, सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स. इन्हें महंगे तोहफों, जैसे डिजाइनर बैग्स, कीमती ज्वेलरी, और पांच-सितारा होटलों में रुकने का लालच दिया जाता है. साथ ही, बेशुमार पैसों का वादा भी होता है. लेकिन बदले में उनसे जो करवाया जाता है, वो सुनकर आप सिहर उठेंगे. ये रईस इन लड़कियों के साथ बेहद घिनौने काम करते हैं. उन्हें जबरदस्ती मजबूर किया जाता है, उनके शरीर पर थूकने से लेकर पेशाब करने तक, और दूसरी क्रूर हरकतें करने के लिए.
सबसे खतरनाक बात ये है कि दुबई में कड़े कानून और सेंसरशिप के चलते, बहुत सी लड़कियां अपनी आपबीती बता भी नहीं पातीं. जो बताती हैं उन्हें ही उल्टा आरोपों का सामना करना पड़ता है. गलती उनकी नहीं होती लेकिन सजा उन्हें ही मिलती है. एक सवाल जो हर किसी के मन में उठेगा कि आखिर ये सब रुकता क्यों नहीं? जवाब है- पैसा, पॉवर और चुप्पी का गठजोड़. जिन्होंने बोलने की कोशिश की, उन्हें इंटरनेट से मिटा दिया गया या फिर सिस्टम ने दबा दिया.