पोलैंड के वैज्ञानिक ने ऐसे जीन को खोज निकाला है जिसके बारे में उनका मानना है कि इससे कोविड से गंभीर रूप से बीमार होने और यहां तक कि मौत होने का खतरा दोगुना से अधिक बढ़ जाता है. वारसॉ में स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, इस खोज से उन लोगों की पहचान करने में मदद मिल सकेगी जो इस बीमारी को लेकर सबसे ज्यादा जोखिम मे हैं. गौरतलब है कि अकेले पोलैंड में ही कोरोना संक्रमण के कारण अब तक एक लाख से अधिक लोग जान गंवा चुके हैं. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, जून माह के अंत से यह, कोविड संक्रमण वाले रोगियों की जांच के समय इन जेनेटिक टेस्ट्स को भी परीक्षण में शामिल करने की योजना बना रहा है.
मेडिकल यूनिवर्सिटी ऑफ बायलेस्टॉक (Medical University of Bialystok) की इस रिसर्च के अनुमान के मुताबिक, यूरोप के 9% और भारत के 27% की तुलना में यह जीन, पोलैंड के आबादी के करीब 14% लोगों में मौजद हो सकता है. इसमें कहा गया है कि यह उम्र, वजन और लिंग के बाद बीमारी की गंभीरता को निर्धारित करने वाला चौथा सबसे महत्वपूर्ण घटक है.
इस स्टडी के प्रभारी प्रोफेसर मर्किन मोनिउज्को के अनुसार, 'यह आनुवांशिक परीक्षण ( genetic test) उन लोगों की पहचान करने में बेहद मददगार साबित हो सकता है जो संक्रमण होने की स्थिति में, यहां तक कि संक्रमण विकसित होने के पहले ही गंभीर जोखिम की स्थिति में हो सकते हैं. करीब 1500 लोगों पर अध्ययन के बाद यह निष्कर्ष निकाला गया, हालांकि मंत्रालय ने यह नहीं बताया गया कि इस रिसर्च की समीक्षा की गई थी. यह शोध, टीकाकरण को लेकर हिचक के अलावा देश में ऊंची कोविड मृत्युदर के पीछे के कारण पर प्रकाश डाल सकता है. यहां महामारी के दौरान औसत मृत्यु दर 20 फीसदी से अधिक है जो यूरोपीय संघ की सबसे खराब मृत्यु दर में से है.