PHOTOS: G7 समिट में सुनक-मैक्रों से मिले PM मोदी, यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की को लगाया गले

भारत अब तक 11 बार इस समिट में शामिल हो चुका है. साल 2003 में तत्कालीन पीएम अटल बिहारी वाजपेयी पहली बार इस समिट में हिस्सा लेने फ्रांस गए थे. मोदी की बात करें, तो वो 2019 से इस समिट में हिस्सा ले रहे हैं.

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इटली के पुलिया में G7 समिट से इतर पीएम मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की मुलाकात हुई.
नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) अपने तीसरे कार्यकाल के पहले विदेश दौरे पर इटली गए हैं. पीएम मोदी G7 समिट 2024 (G7 Summit 2024) में शिरकत करने इटली पहुंचे हैं. 13 से 15 जून के बीच पुलिया में यह समिट हो रहा है. भारतीय समय के मुताबिक, पीएम गुरुवार देर रात 3:30 बजे अपुलिया के ब्रिंडसी एयरपोर्ट पहुंचे. वहां उनका शानदार स्वागत हुआ. इस दौरान पीएम मोदी की फ्रांस, यूक्रेन और ब्रिटेन के राष्ट्राध्यक्षों से मुलाकात हुई.

इटली पहुंचने के कुछ देर बाद पीएम मोदी की फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ द्विपक्षीय मुलाकात हुई. इसके बाद पीएम मोदी और ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक की मीटिंग हुई. भारतीय समयानुसार शाम करीब 4:00 बजे यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडोमिर जेलेंस्की और प्रधानमंत्री मोदी की मुलाकात हुई. इस दौरान मोदी ने जेलेंस्की को गले लगाया.

 पीएम मोदी और ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक के बीच द्विपक्षीय बातचीत हुई.

मेलोनी-बाइडेन से भी होनी है मुलाकात
इसके बाद PM मोदी इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन समेत बाकी राष्ट्राध्यक्षों से मुलाकात करेंगे. 

दुनिया के सबसे अमीर देशों का ग्रुप है G7
G7 का गठन 1975 में हुआ था. ये संगठन दुनिया के सबसे अमीर देशों का ग्रुप हैं, जिनका ग्लोबल ट्रेड और इंटरनेशनल फाइनेंशियल सिस्टम पर दबदबा है. अमेरिका, जापान, जर्मनी, ब्रिटेन, फ्रांस, इटली और कनाडा इसके सदस्य हैं. हर साल इस ग्रुप की समिट अलग-अलग देशों में होती है. 2023 का G7 समिट जापान में हुआ था.

 G7 का गठन 1975 में हुआ था. ये संगठन दुनिया के सबसे अमीर देशों का ग्रुप हैं.

G7 से निकलेगा इजरायल-गाजा और रूस-यूक्रेन युद्ध का नतीजा
G7 समिट ऐसे समय में हो रहा है, जब दुनिया में दो युद्ध चल रहे हैं. 24 फरवरी 2022 से रूस और यूक्रेन के बीच जंग चल रही है. दूसरी ओर, 7 अक्टूबर 2023 से गाजा में इजरायल और फिलिस्तीन के बीच युद्ध हो रहा है. ऐसे में देखना होगा कि G7 के देश दोनों युद्धों का कोई हल निकाल पाते हैं या नहीं.

G7 के सदस्य देशों के साथ इटली की पीएम जॉर्जिया मेलोनी (बीच में) 

सदस्य न होकर भी भारत के G7 में शामिल होने के मायने
भारत G7 का सदस्य नहीं है, लेकिन उसे इस समिट में शिरकत करने के लिए बुलाया जाता रहा है. भारत को इस समिट में बुलाने के कई कारण हैं. 2.66 ट्रिलियन डॉलर की GDP के साथ भारत की अर्थव्यवस्था G-7 के तीन सदस्य देशों फ्रांस, इटली और कनाडा से भी बड़ी है. भारत चीन को पीछे छोड़ते हुए सबसे ज्यादा आबादी वाला देश भी बन चुका है. 

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पीएम मोदी गुरुवार देर रात 3:30 बजे इटली पहुंचे.

मोदी सरकार ने 2027-28 तक भारत की इकोनॉमी को 5 ट्रिलियन डॉलर तक ले जाने का टारगेट रखा है. 5 ट्रिलियन की GDP बनते ही भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा.

अब तक 11 बार समिट में शामिल हो चुका भारत
भारत अब तक 11 बार इस समिट में शामिल हो चुका है. साल 2003 में तत्कालीन पीएम अटल बिहारी वाजपेयी पहली बार इस समिट में हिस्सा लेने फ्रांस गए थे. मोदी की बात करें, तो वो 2019 से इस समिट में हिस्सा ले रहे हैं.

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