PM मोदी ने फिलिस्तीन के लिए अटूट समर्थन की प्रतिबद्धता दोहराई, कहा- हमारा साझा इतिहास

साल 2018 से भारत (India) ने संयुक्त राष्ट्र (UN) की फिलिस्तीन (Palestine) के लिए राहत और कार्य एजेंसी (UNRWA) को 22.5 मिलियन अमेरिकी डॉलर की सहायता दी है.  

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साल 1974 में भारत पहला गैर अरब देश बना था जिसने फिलिस्तीन लिबरेशन ऑर्गनाइज़ेशन (PLO) को मान्यता दी थी. (File Photo) 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने मंगलवार को फिलिस्तीन (Palestine) के लिए भारत के "अटूट समर्थन की प्रतिबद्धता को दोहराया". फलिस्तीन के लोगों के लिए अंतरराष्ट्रीय एकजुटता प्रदर्शित को रखे गए दिन पर, संयुक्त राष्ट्र द्वारा आयोजित वार्षिक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा-  फिलिस्तीन लोगों के साथ एकजुटता प्रदर्शित करने वाले इस दिन पर, मैं फिलिस्तीन मुद्दे पर भारत के अटूट समर्थन को दोहरता हूं." प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "भारत और फिलिस्तीन के दोस्ताना लोगों के साझा ऐतिहासिक संबंध हैं. हमने हमेशा आत्मनिर्भरता और सम्मान के साथ सामाजिक और आर्थिक विकास खोज रहे फिलिस्तीन के लोगों का सर्मथन किया है. हमें उम्मीद है कि फिलिस्तीनऔर इज़रायली पक्ष के बीत सीधी  बातचीत होगी और वो एक समग्र और आपसी सहमति वाला उपाय खोज लेंगे. " 

इस साल अक्टूबर में, भारत ने फिलिस्तीन के लिए 2.5 मिलियन अमेरिकी डॉलर का एक चेक एक संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी को दिया था. यह फिलिस्तीन के लिए वार्षिक 5 मिलियन के समर्थन के हिस्से के तौर पर दिया गया.  संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी द्वारा यह फिलिस्तीनी शरणार्थियों के स्कूल और स्वास्थ्य केंद्र सीधे तौर से खर्च होने होते हैं.   

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साल 2018 से भारत ने संयुक्त राष्ट्र की फिलिस्तीन के लिए राहत और कार्य एजेंसी (UNRWA) को 22.5 मिलियन अमेरिकी डॉलर की सहायता दी है.  

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प्रधानमंत्री मोदी ने एक बयान में कहा, "भारत सरकार और लोगों की तरफ से मैं फिलिस्तीन के लोगों को देश का दर्जा, शांति और संपन्नता पाने की यात्रा के लिए शुभकामनाएं देता हूं."

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भारत-फिलिस्तीन के रिश्ते करीब आधी सदी पुराने हैं. साल 1974 में भारत पहला गैर अरब देश बना था जिसने फिलिस्तीन लिबरेशन ऑर्गनाइज़ेशन (PLO) को मान्यता दी थी.  इसके 14 साल बाद भारत उन कुछ देशों में से है जो फिलिस्तीन को एक देश के तौर पर मान्यता देता है. फिलिस्तीन के साथ राजनैतिक संबंध 1996 में बढ़े जब भारत ने गज़ा में अपने प्रतिनिधि का दफ्तर खोला. बाद में इसे 2003 में रमल्ला में स्थानांतरित कर दिया गया.  

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