द लैंसेट जर्नल में प्रकाशित शोध के अनुसार, फाइजर-बायोएनटेक वैक्सीन (Pfizer-BioNTech Vaccine) के साथ पूरी तरह से टीका लगाए गए लोगों में मूल स्ट्रेन की तुलना में भारत में पहली बार पहचाने गए डेल्टा वेरिएंट (Delta Variant) के खिलाफ एंटीबॉडी को निष्क्रिय करने का स्तर पांच गुना कम होने की संभावना है. अध्ययन से यह भी पता चलता है कि इन एंटीबॉडी का स्तर जो वायरस को पहचानने और लड़ने में सक्षम हैं, बढ़ती उम्र के साथ कम होते हैं और यह स्तर समय के साथ घटता है, कमजोर लोगों को बूस्टर खुराक देने की योजना के समर्थन में अतिरिक्त सबूत प्रदान करता है.
यह UK में टीकों के बीच खुराक के अंतर को कम करने के लिए वर्तमान योजनाओं का समर्थन करता है क्योंकि उन्होंने पाया कि फाइजर-बायोएनटेक वैक्सीन की सिर्फ एक खुराक के बाद, लोगों में बी.1.617.2 वेरिएंट के खिलाफ एंटीबॉडी स्तर विकसित होने की संभावना उतनी ही कम है, जितनी पहले प्रभावी B.1.1.7 (अल्फा) वेरिएंट के खिलाफ देखी गई, जो पहली बार केंट में पाया गया.
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UK में फ्रांसिस क्रिक इंस्टीट्यूट के शोधकर्ताओं के नेतृत्व में टीम ने पाया कि अकेले एंटीबॉडी के स्तर टीके की प्रभावशीलता की भविष्यवाणी नहीं करते हैं और इसके लिए संभावित जनसंख्या अध्ययन की भी आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि कम निष्क्रिय एंटीबॉडी का स्तर अभी भी COVID-19 से सुरक्षा से जुड़ा हो सकता है.
बताते चलें कि कोरोना का सबसे पहले भारत में सामने आया डेल्टा स्वरूप या बी1.617.2 अब ब्रिटेन में चिंता की वजह बन गया है और इसके प्रकोप से अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ने की आशंका है. ब्रिटेन के स्वास्थ्य अधिकारियों ने यह बात कही.
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देश में कोविड के सभी स्वरूपों पर नजर रखने वाले पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड (PHE) के अनुसार, वायरस के डेल्टा स्वरूप से संक्रमण के मामले एक सप्ताह में 5,472 बढ़ गए और बृहस्पतिवार को कुल मामलों की संख्या 12,431 हो गई. ताजा आंकड़ों को देखने के बाद विशेषज्ञों ने कहा कि डेल्टा नुकसान के मामले में अल्फा से ज्यादा असर वाला दिख रहा है.
ब्रिटेन की स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ जैनी हैरीस ने कहा, ‘‘अब पूरे ब्रिटेन में फैल चुके वायरस के इस स्वरूप को देखते हुए जरूरी है कि हम सभी यथासंभव अधिक से अधिक एहतियात बरतें.'' उन्होंने कहा, ‘‘लोग घरों से काम करें, हर समय वे हाथ, चेहरा और आसपास की जगह को साफ रखें. अगर टीका नहीं लगवाया है तो टीका लगवाएं और टीके की दूसरी खुराक भी लें. इससे जिंदगियां बचेंगी.''
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