अमेरिका ने Pegasus बनाने वाली इजरायली फर्म को किया ब्लैकलिस्ट, जासूसी के लिए स्पाइवेयर बेचने का आरोप

एनएसओ ने कहा था कि उसका सॉफ्टवेयर केवल आतंकवाद और अन्य अपराधों से लड़ने में उपयोग के लिए है और इसे 45 देशों को निर्यात किया जाता है. 

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वाणिज्य विभाग ने कहा कि कार्रवाई अमेरिकी विदेश नीति के केंद्र में मानवाधिकारों को रखने के लिए बाइडेन-हैरिस प्रशासन के प्रयासों का एक हिस्सा है
वाशिंगटन:

अमेरिकी अधिकारियों ने बुधवार को पेगासस स्पाइवेयर (Pegagus Spyware) के इस्राइली निर्माता को प्रतिबंधित कंपनियों की सूची में डाल दिया, जिसका उद्देश्य सॉफ्टवेयर के माध्यम से पत्रकारों और अधिकारियों की निगरानी करना है. कंपनी एनएसओ दुनिया भर में हजारों मानवाधिकार कार्यकर्ताओं, पत्रकारों, राजनेताओं और व्यावसायिक अधिकारियों को अपने पेगासस सॉफ्टवेयर के जरिए निगरानी रखने के आऱोपों में आई तमाम खबरों को लेकर विवाद में घिर गई थी.

स्मार्टफोन को पेगासस से संक्रमित कर उसे पॉकेट जासूसी उपकरण बना दिया जाता है, जिससे अपने टारगेट के मैसेज पढ़े जा सकते हैं, उनकी तस्वीरों को देख सकता है, उनकी लोकेशन को ट्रैक किया जा सकता है और यहां तक कि उनके जाने बिना उनके फोन के कैमरे को भी चालू किया जा सकता है. 

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अमेरिकी वाणिज्य विभाग ने एक बयान में कहा, "इन उपकरणों ने विदेशी सरकारों को अंतरराष्ट्रीय दमन का संचालन करने में भी सक्षम बनाया है. सत्तावादी सरकारों द्वारा विरोधियों, पत्रकारों और कार्यकर्ताओं को उनकी जानकारी के बिना निशाना बनाया गया. वहीं इस पर पूछे जाने पर एनएसओ द्वारा अभी तक कोई जवाब नहीं दिया गया.

इसके अलावा वाशिंगटन ने इजरायल की कंपनी कैंडिरू, सिंगापुर स्थित कंप्यूटर सिक्योरिटी इनिशिएटिव कंसल्टेंसी पीटीई (COSEINC) और रूसी फर्म पॉजिटिव टेक्नोलॉजीज को भी निशाना बनाया है. तथाकथित "इकाई सूची" में कंपनियों के जुड़ने का मतलब है कि अमेरिकी संगठनों से उन्हें निर्यात प्रतिबंधित है. उदाहरण के लिए, अमेरिकी शोधकर्ताओं के लिए अब उन्हें सूचना या प्रौद्योगिकी बेचना कहीं अधिक कठिन होगा. जुलाई में एक अंतरराष्ट्रीय मीडिया जांच ने बताया कि कई सरकारों ने एनएसओ समूह द्वारा बनाए गए पेगासस मैलवेयर का इस्तेमाल कार्यकर्ताओं, पत्रकारों और राजनेताओं की जासूसी करने के लिए किया था.

वाणिज्य विभाग के बयान में कहा गया है, "आज की कार्रवाई अमेरिकी विदेश नीति के केंद्र में मानवाधिकारों को रखने के लिए बाइडेन-हैरिस प्रशासन के प्रयासों का एक हिस्सा है, जिसमें दमन के लिए उपयोग किए जाने वाले डिजिटल उपकरणों के प्रसार को रोकने के लिए काम करना शामिल है." पेगासस पर शुरुआती चिंता के बाद, समस्या तब अधिक सामने आई जब आईफोन निर्माता ऐप्पल ने सितंबर में एक खामी को ठीक किया जिससे स्पाइवेयर उपयोगकर्ताओं के फोन में संदेश या लिंक पर क्लिक किए बिना ही संक्रमित कर सकता था. 

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तथाकथित "जीरो-क्लिक" टारगेट डिवाइस को बिना किसी भनक के Corrupt कर सकता था, जिसका पता कनाडा में साइबर सुरक्षा निगरानी संगठन की सिटीजन लैब के शोधकर्ताओं द्वारा लगाया गया था. संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों ने इस इजरायली स्पाइवेयर स्कैंडल के बाद मानवाधिकारों की रक्षा के लिए नियमों को लागू किए जाने तक निगरानी प्रौद्योगिकी की बिक्री पर अंतरराष्ट्रीय रोक लगाने का आह्वान किया है.

इजरायल के रक्षा प्रतिष्ठान ने एनएसओ के कारोबार की समीक्षा के लिए एक समिति का गठन किया है, जिसमें वह प्रक्रिया भी शामिल है जिसके जरिए निर्यात लाइसेंस दिए जाते हैं. एनएसओ ने जोर देते हुए कहा है कि उसका सॉफ्टवेयर केवल आतंकवाद और अन्य अपराधों से लड़ने में उपयोग के लिए है इसे 45 देशों को निर्यात किया जाता है. 

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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