- लाहौर की एक अदालत ने किशोर जैन अली को अपनी मां, भाई और दो बहनों की हत्या के जुर्म में 100 साल की सजा सुनाई.
- जैन अली को चार मामलों में आजीवन कारावास की सजा दी गई, प्रत्येक अपराध के लिए 25 वर्ष की सजा निर्धारित की गई.
- आरोपी का कहना था कि पबजी गेम में निशाना चूकने पर वह आक्रामक हो जाता था और मां की डांट से परेशान था.
पाकिस्तान की एक स्थानीय अदालत ने एक किशोर को ऑनलाइन पबजी गेम खेलने के मुद्दे पर गुस्से में अपनी मां, एक भाई और दो बहनों की हत्या करने के जुर्म में बुधवार को 100 साल के करावास की सजा सुनाई. अदालत के एक अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा' को बताया, “लाहौर के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रियाज अहमद ने 17 वर्षीय जै़न अली को चार मामलों में 100 साल के करावास की सजा सुनाई और उसके अपराध के लिए 40 लाख पाकिस्तानी रुपये का जुर्माना भी लगाया.”
अदालत ने अभियोजन पक्ष द्वारा प्रस्तुत साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर फैसला सुनाया. अधिकारी ने बताया कि अपने फैसले में न्यायाधीश ने कहा कि जै़न की उम्र के कारण उसे मृत्युदंड के बजाय चार मामलों में आजीवन कारावास की सजा सुनाई जाती है. उसे प्रत्येक अपराध के लिए 25-25 वर्ष की सजा काटनी होगी.
लाहौर के घनी आबादी वाले क़ाहना क्षेत्र के निवासी ज़ैन अली (उस समय 14 वर्ष) बहुत ज्यादा ‘पबजी' खेलता था. वह अपना अधिकतर समय अपने कमरे में ऑनलाइन गेम खेलते हुए बिताता था और अक्सर उसकी मां नाहिद मुबारक उसे समय बर्बाद करने के लिए डांट लगाती थीं.
लक्ष्य हासिल न कर पाने पर आक्रामक हो जाता था...
खेल में दिए गए लक्ष्य हासिल न कर पाने पर वह अक्सर आक्रामक हो जाता था. पुलिस ने अदालत को बताया, ‘‘वर्ष 2022 में घटना वाले दिन जैन अली कई घंटे गेम खेलते हुए निशाना चूकने के बाद अपना होश खो बैठा और उसे अपनी मां से डांट भी खानी पड़ी थी.''
4 लोगों की गोली मारकर उनकी हत्या कर दी
पुलिस ने बताया कि किशोर ने अपनी मां की पिस्तौल ले ली और उस कमरे में गया, जहां वह अपनी दो बेटियों के साथ सो रही थी. उसने गेम के प्रभाव में अपनी 45 वर्षीय मां, 20 वर्षीय बड़े भाई तैमूर, 15 वर्षीय बहन महनूर और 10 वर्षीय बहन जन्नत को गोली मारकर उनकी हत्या कर दी.
ज़ैन ने अपने परिवार के सदस्यों की हत्या करने के बाद पिस्तौल पास के नाले में फेंक दी. बाद में उसने अपना अपराध कबूल कर लिया. इस घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था.