पाकिस्तानी आतंकवादी (Pakistani Terrorist) और 9/11 हमले के मास्टरमाइंड खालिद शेख मोहम्मद (Khalid Sheikh Mohammed) और ग्वांतानामो बे हिरासत शिविर में बंद चार अन्य लोगों के साथ अमेरिकी अभियोजकों ने एक समझौते पर बातचीत शुरू कर दी है. इस समझौते के परिणामस्वरूप इन कैदियों की मौत की सजा (Death Penalty) को आजीवन कारावास (Life Imprisonment) में बदला जा सकता है. मीडिया की एक खबर में यह कहा गया है.नअखबार ‘द न्यूयॉर्क टाइम्स' की खबर में कहा गया है कि ऐसा होने से मृत्युदंड की वकालत कर रहे पीड़ितों के परिवारों को निराशा होगी. न्यूयॉर्क में 11 सितंबर, 2001 को आतंकवादी हमले में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर (World Trade Center) के दो टॉवर को निशाना बनाया गया था. हमले में कई भारतीयों सहित लगभग 3,000 लोगों की मौत हो गई थी.
अखबार के मुताबिक, जल्द किसी समझौते की उम्मीद नहीं है, लेकिन दोषी की दलीलों से सजा के आजीवन कारावास में बदलने से अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन को ‘ग्वांतानामो बे' में हिरासत अभियान को समाप्त करने की अपनी योजना को बदलना पड़ सकता है और इसके बजाय इसे कुछ लोगों के लिए एक सैन्य जेल के रूप में प्रस्तुत किया जा सकता है.
खबर के अनुसार, 58 वर्षीय शेख और चार अन्य सह-प्रतिवादियों के लिए ‘‘अभियोजकों ने वकीलों के साथ बातचीत शुरू कर दी है'' ताकि ‘‘एक संभावित समझौते पर बातचीत की जा सके जो मृत्युदंड की संभावना को खत्म कर देगा.''
अखबार की रिपोर्ट में कहा गया है कि ग्वांतानामो बे में वर्षों से चल रहे मामले को आजीवन कारावास में बदला जा सकता है. मामला शुरू होने के लगभग एक दशक बाद, सैन्य न्यायाधीश ने मुकदमा आरंभ करने की तारीख निर्धारित नहीं की है.
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन के दौरान, इस तरह की बातचीत का प्रयास असफल रहा था और आरोपी साजिशकर्ताओं ने मांग की थी कि वे ग्वांतानामो में अपनी सजा काटना चाहते हैं, जहां वे प्रार्थना और समूहों में भोजन कर सकते हैं. रिपोर्ट के अनुसार, आरोपी कोलोराडो की सुपरमैक्स जेल नहीं जाना चाहते हैं, जहां कैदियों को दिन के 23 घंटे तक एकांतवास में रखा जाता है.
मामले में प्रमुख अभियोजक क्लेटन ट्रिवेट ने रक्षा टीम को लिखा कि वे चर्चा करें कि ‘‘क्या सभी पांच मामलों के लिए सुनवाई पूर्व समझौता संभव है.'' रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि इस मामले में एक मुख्य मुद्दा यह है कि शेख के अलावा कितने अभियुक्त पैरोल की संभावना के बिना आजीवन कारावास की सजा काटेंगे और क्या हमलों में कम भूमिकाओं वाले कुछ अभियुक्तों को छोटी सजा मिलेगी.
दो अभियुक्तों सऊदी के कैदी मुस्तफा अल-हौसावी और पाकिस्तानी नागरिक एवं शेख के भतीजे अम्मार अल-बलूची के वकीलों ने अपने मुवक्किलों को 9/11 की साजिश से अनभिज्ञ बताया है. अभियुक्तों ने कुछ अपहर्ताओं को धन हस्तांतरण और संयुक्त अरब अमीरात से यात्रा व्यवस्था में मदद की थी.