चीन की ऐसी बातें सुनकर पाकिस्तान तो रो पड़ेगा... जानिए भारत पर क्या कहा

China India Relation And Pakistan: चीन-भारत संबंधों में सबसे बड़ी समस्या बनकर पाकिस्तान ही आता रहा है. वो हर जतन कर दोनों देशों के संबंधों को टकराव तक पहुंचाता है और फिर खुश होता है. हालांकि, भारत-चीन के बीच सीमा को लेकर भी कई सवाल हैं.

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China India Relation And Pakistan: दुनिया कितनी तेजी से बदलती जा रही है, इस बात का अंदाजा भारत-चीन संबंधों को लेकर लगाया जा सकता है. अभी ज्यादा समय नहीं बीते, जब चीन और भारत की सेनाएं आमने-सामने थीं. वही चीन अब भारत के साथ संबंधों को नई ऊंचाई पर ले जाना चाहता है. वो भी ऐसे कि दोनों देश विन-विन महसूस करें. चीन के साथ अपने संबंधों को चांद-सितारों तक बताने वाले पाकिस्तान को जाहिर है इससे बड़ा झटका लगा होगा. कारण एक चीन ही तो था, जो हर बात पर अब तक पाकिस्तान की हां में हां मिला देता था.

भारत के साथ संबंधों को चीन कितना महत्व दे रहा है, इसका अंदाजा चीन के मुखपत्र कहे जाने वाले ग्लोबल टाइम्स पर दिख जाता है. ग्लोबल टाइम्स के बारे में माना जाता है कि यहां जो कुछ भी लिखा जाता है, वो पूरी तरह चीन की सरकार से ओके होने के बाद ही पब्लिश होता है. ऐसे में शुक्रवार को भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर और चीन के विदेश मंत्री की मुलाकात को ग्लोबल टाइम्स संडे को भी प्रमुखता से अपनी वेबसाइट पर शोकेस कर रहा है तो जाहिर है कि चीन अब भारत से संबंधों को लेकर गंभीर नजर आ रहा है. 

क्या कहा चीन ने

ग्लोबल टाइम्स की खबर के अनुसार, चीन के विदेश मंत्रालय ने बताया कि चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने शुक्रवार को दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में भारतीय विदेश मंत्री सुब्रमण्यम जयशंकर से मुलाकात की. यहां वांग ने कहा कि चीन और भारत के बीच आपसी विश्वास की बहाली और आपसी सहयोग दोनों देशों के लोगों की साझा अपेक्षाओं को पूरा करता है. सीपीसी केंद्रीय समिति के राजनीतिक ब्यूरो के सदस्य वांग ने कहा कि पिछले साल राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कज़ान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी, जिससे द्विपक्षीय संबंधों के सुधार और विकास की दिशा तय हुई थी. दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए कि, दो प्राचीन सभ्यताओं और पड़ोसी प्रमुख देशों के रूप में, चीन और भारत को एक-दूसरे पर भरोसा करना चाहिए, समर्थन करना चाहिए और पारस्परिक सफलता हासिल करनी चाहिए.

वांग ने कहा, दोनों देशों के बीच सभी स्तरों पर आदान-प्रदान लगातार फिर से शुरू हो गया है और सीमा मुद्दे के विशेष प्रतिनिधि विशिष्ट मतभेदों को ठीक से संभालने पर आम सहमति पर पहुंच गए हैं.

75वीं वर्षगांठ मनाने की योजना

आगे ग्लोबल टाइम्स के अनुसार,  वांग ने कहा कि चीन और भारत के बीच आपसी विश्वास की बहाली और विन-विन सहयोग का एहसास दोनों देशों के लोगों की साझा अपेक्षाओं को पूरा करता है. दोनों पक्षों को दोनों राष्ट्राध्यक्षों द्वारा पहुंची सहमति का पालन करना चाहिए, यह सुनिश्चित करते हुए कि द्विपक्षीय संबंध सही रास्ते पर बने रहें. चीन राजनयिक संबंधों की स्थापना की 75वीं वर्षगांठ मनाने की योजना बनाने के लिए भारत के साथ काम करने को तैयार है, जिससे द्विपक्षीय संबंधों के विकास में नई गति आएगी.

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एस जयशंकर ने क्या कहा

ग्लोबल टाइम्स के अनुसार, भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपनी ओर से कहा कि कज़ान में प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति शी के बीच बैठक ने द्विपक्षीय संबंधों के पुनर्निर्माण के लिए महत्वपूर्ण मार्गदर्शन प्रदान किया. दोनों देशों के बीच विभिन्न क्षेत्रों में आदान-प्रदान धीरे-धीरे फिर से शुरू हो गया है, जिसके महत्वपूर्ण परिणाम सामने आए हैं.  भारत और चीन के बीच आपसी विश्वास कायम करना दोनों पक्षों के हित में है. जयशंकर ने कहा कि भारत द्विपक्षीय संबंधों को बेहतर बनाने में कड़ी मेहनत से हासिल की गई प्रगति को महत्व देता है और सहकारी तंत्र की बहाली में तेजी लाने, सांस्कृतिक आदान-प्रदान बढ़ाने, लोगों से लोगों के संबंधों को सुविधाजनक बनाने और संयुक्त रूप से सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए चीन के साथ काम करने को तैयार है. आज की दुनिया में, विभाजन और ध्रुवीकरण के जोखिमों का सामना करते हुए भारत और चीन मजबूत अंतरराष्ट्रीय सहयोग को विशेष रूप से महत्वपूर्ण बनाते हैं. जयशंकर ने कहा, भारत इन मामलों पर चीन के साथ संचार और समन्वय बढ़ाने का इच्छुक है. 

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