पाकिस्तान (Pakistan) में पंजाब विश्वविद्यालय (Punjab University) के करीब 21 विद्यार्थी यहां उस वक्त घायल हो गये, जब उनकी एक कट्टरपंथी इस्लामी संगठन (Islamic organization) के साथ झड़प हो गई. संगठन ने एक लड़के और एक लड़की के साथ बैठने पर ऐतराज जताया था. लैंगिक अध्ययन विभाग के बाहर एक कैंटीन (Canteen) में मंगलवार को एक लड़की और एक लड़का बैठे हुए थे, तभी इस्लामी जमियत तुलाबा के सदस्यों ने उनसे वहां से जाने को कहा. विश्वविद्यालय के एक अधिकारी ने बताया कि जब उन दोनों ने ऐसा करने से मना किया, तब संगठन के सदस्यों ने लड़के को थप्पड़ मार दिया.
उन्होंने बताया कि इस पर, अन्य छात्रों ने संगठन के सदस्यों को लड़का और लड़की को प्रताड़ित करने से रोकने की कोशिश की, लेकिन इसके शीघ्र बाद उनके बीच झड़प हो गई. डॉन अखबार की खबर के मुताबिक, कुछ छात्र लोहे की छड़ और डंडों से लैस थे. पुलिस ने बताया कि सिर में चोट लगने के बाद ज्यादातर छात्रों को पास के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है.पुलिस ने बताया कि अब तक, दो छात्रों को गिरफ्तार किया गया है.
इस साल 8 मार्च को ही पाकिस्तान ने देश की राष्ट्रीय लैंगिक नीति रूपरेखा की शुरुआत की थी जिसका उद्देश्य देश में महिलाओं को सशक्त बनाना और सार्वजनिक क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ाना था. अंतरराष्ट्रीय दिवस पर रावलपिंडी में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा था कि महिलाओं का सशक्तिकरण सफलता की कुंजी है. खान ने कहा था, ‘‘हमारा देश तब तक आगे नहीं बढ़ सकता जब तक महिलाएं शिक्षित नहीं होंगी. अभिभावकों को अपनी बेटियों को स्कूलों में भेजना चाहिए.''
लेकिन पाकिस्तान में अब भी शैक्षणिक संस्थाओं में महिलाओं और पुरुषों के बीच भेद-भाव समय-समय पर सामने आ जाता है. पाकिस्तान के कट्टरपंथी संगठन महिलाओं को पुरुषों के समान अवसर मिलने और उनके बराबर बैठने पर सख्त आपत्ति जताते हैं.