पाकिस्तान ने भारत से व्यापार बहाली का फैसला 24 घंटे में ही पलटा, बताई ये वजह...

पाकिस्तान ने घरेलू मोर्चे पर भारी आलोचनाओं के बीच भारत से कपास, चीनी और तेल का आयात शुरू करने के निर्णय को फिर ठंडे बस्ते में डाल दिया है.

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Pakistan अगर भारत से चीनी आयात करता तो दामों में करीब 20 फीसदी की कमी आती.
इस्लामाबाद:

Pakistan India Trade Ties :पाकिस्तान की अंदरूनी राजनीति और कट्टरपंथी तत्व भारत से उसके रिश्ते सुधारने की राह में हमेशा रोड़े अटकाते रहे हैं. ऐसा ही कुछ पाकिस्तान द्वारा भारत से व्यापार दोबारा बहाल करने के मामले में देखने को मिला. लेकिन पाकिस्तान (Pakistan's government) ने 24 घंटे के भीतर इस मामले में यूटर्न ले लिया. उसने भारत से सीमित मात्रा में चीनी, कपास और गेहूं (sugar, cotton and wheat) मंगाने के निर्णय़ को राजनीतिक विरोध के बाद टाल दिया है.

जियो टीवी की खबर में सूत्रों के हवाले से बताया गया कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Pakistan Prime Minister Imran Khan) की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में हालांकि आर्थिक समन्वय समिति के भारत से सूती धागे और चीनी के आयात के प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया.पाकिस्तान ने मई 2020 में कोविड-19 महामारी के बीच भारत से जरूरी दवाओं और आवश्यक दवाओं के लिये कच्चे माल के आयात पर से रोक हटाई थी. मंत्रिमंडल की बैठक से पहले इमरान खान की करीबी सहयोगी और मानवाधिकार मंत्री शिरीन मजारी ने कहा कि समिति के सभी फैसलों के लिये मंत्रिमंडल की मंजूरी जरूरी है और उसके बाद ही उन्हें सरकार से मंजूर माना जाता है.

पाकिस्तान के वित्त मंत्री हम्माद अजहर ने बुधवार को कहा था कि जनहित को ध्यान में रखते हुए कश्मीर में तनाव (Kashmir tension) के बावजूद व्यापार की बहाली का निर्णय़ किया गया है. पाकिस्तान सरकार की आर्थिक संयोजन समिति ने बुधवार को महंगाई को देखते हुए भारत से इन उत्पादों के सीमित आयात का फैसला किया था. लेकिन ये बात बाहर आते ही पाकिस्तान में होहल्ला मच गया. लेकिन गुरुवार को पाकिस्तान के आंतरिक मामलों के मंत्री शेख राशिद अहमद ने कहा कि जब तक भारत कश्मीर के विशेष दर्जे (Kashmir's special status) की बहाली नहीं करता, तब तक के लिए यह निर्णय टाल दिया गया है.

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पाकिस्तान ने भारत के साथ कूटनीतिक और व्यापारिक रिश्ते अगस्त 2019 में निलंबित कर दिए थे, जब भारत ने जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) से अनुच्छेद 370 हटाते हुए उसके एक केंद्रशासित प्रदेश घोषित किया था. दोनों देशों ने एक-दूसरे के यहां से अपने शीर्ष राजनयिकों को वापस बुला लिया था. उच्चायोग के स्टाफ को भी वापस बुला लिया गया, या फिर निष्कासित कर दिया गया. तभी से दोनों देशों के रिश्तों में खटास है. हालांकि हाल ही में भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्तों में जमी बर्फ थोड़ी पिघलती नजर आई थी, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने पाकिस्तान के पीएम इमरान खान के बीमार होने पर उनके शीघ्र स्वस्थ होने की शुभकामनाएं दी थीं और पाक के राष्ट्रीय दिवस पर उन्हें पत्र लिखा था.

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पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने भी कुछ दिनों पहले ऐसा ही एक पत्र पीएम मोदी के नाम लिखा है. दोनों देशों के बीच हाल ही में सिंधु नदी के जल के बंटवारे को लेकर हाल ही में बैठक भी हुई थी. गौरतलब है कि पाक की अर्थव्यवस्था कोरोना की महामारी, महंगाई और भारी कर्ज के कारण डांवाडोल है. अगर पाकिस्तान भारत से करीब 5 लाख टन चीनी का आयात करता तो दामों में करीब 20 फीसदी कमी आती, क्योंकि आने वाले रमजान के महीने में इसकी बिक्री काफी ज्यादा होती है.

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