- पाकिस्तान सिंध के तट पर कृत्रिम द्वीप बनाकर तेल खोजने की योजना पर काम कर रहा है
- अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की रुचि के बाद पाकिस्तान ने ड्रिलिंग प्रयासों को तेज कर दिया है
- पाकिस्तान पेट्रोलियम लिमिटेड ने सिंध के तट से लगभग तीस किलोमीटर दूर द्वीप बनाने की घोषणा की है
पाकिस्तान का नाम सुनते ही पूरी दुनिया के जेहन में केवल 3-4 तस्वीरें ही आती हैं- आतंकवाद, गरीबी और मानवाधिकार का उल्लंधन. लेकिन कमाल की बात यह है कि पाकिस्तान अपना एक पांव आतंकवाद की गर्त से निकाले बिना तरक्की करने का सपना देख रहा है, कर्ज के समंदर से बाहर आने की कोशिश कर रहा है. अब एक और ऐसी की कोशिश तेल निकालकर करने की हो रही है. पाकिस्तान अपने तेल की खोज को आगे बढ़ाने के लिए सिंध के तट पर एक कृत्रिम द्वीप (आर्टिफिशियल आइलैंड) बनाने की योजना बना रहा है.
जब से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान के तेल भंडार में रुचि जताई है, पाकिस्तान सपने देखने लगा है, इस्लामाबाद में बैठी कठपुतली सरकार ने अपने ड्रिलिंग प्रयास तेज कर दिए हैं. पाकिस्तानी अखबार जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार एक हालिया स्टडी में अपतटीय बेसिनों में अभी तक पाए जाने वाले महत्वपूर्ण हाइड्रोकार्बन की उपस्थिति का संकेत दिया गया है.
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान की सरकारी ऊर्जा कंपनी- पाकिस्तान पेट्रोलियम लिमिटेड (पीपीएल) ने अब सुजावल के पास सिंध के तट से लगभग 30 किलोमीटर दूर एक द्वीप बनाने की योजना की घोषणा की है. कंपनी के जनरल मैनेजर, एक्सप्लोरेशन एंड कोर बिजनेस डेवलपमेंट, अरशद पालेकर ने बताया है कि लॉन्चपैड छह फीट की ऊंचाई पर खड़ा होगा, जिससे उच्च ज्वार कभी भी खोज में बाधा नहीं डाल सकेगा.
पालेकर ने इस्लामाबाद में एक तेल और गैस सम्मेलन के मौके पर कहा कि पीपीएल ने अबू धाबी द्वारा ड्रिलिंग के लिए कृत्रिम द्वीपों के सफल उपयोग से सीख ली है और यह प्रोजेक्ट शुरू कर रहा है. यह पाकिस्तान के लिए पहला ऐसा प्रोजेक्ट है. उन्होंने कहा कि द्वीप का निर्माण कार्य फरवरी में पूरा हो जाएगा, इसके तुरंत बाद उसे चालू करने की योजना बनाई जाएगी.
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