सिंध में 300,000 से अधिक कार खरीदार 2016 से सरकारी खजाने में 30 करोड़ रुपये जमा करने के बावजूद वाहन नंबर प्लेट का इंतजार कर रहे हैं. डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, हाल ही में कार डीलरों/आयातकों और एक्साइज एवं कराधान विभाग के अधिकारियों के बीच हुई बैठक के दौरान यह मामला सामने आया. एक्साइज विभाग पहले ही पंजीकरण के समय वाहन प्रत्येक वाहन मालिक से 1-1 हजार रुपये एकत्र कर चुका था. 300,000 वाहनों के लिए, विभाग ने 300 मिलियन रुपये से अधिक एकत्र किए थे.
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ऑटोमोटिव ट्रेडर्स एंड इम्पोर्टर्स एसोसिएशन (एटीआईए) के चीफ कॉर्डिनेटर एजाज अहमद, जो बैठक में मौजूद थे, ने डॉन को बताया कि 2016 से नंबर प्लेट जारी न करना मुश्किल हो गया है और कार खरीदारों के लिए एक गंभीर समस्या बन गई है.
एक वरिष्ठ एक्साइज और कराधान अधिकारी ने डॉन को बताया कि नए डिजाइन वाले वाहनों की नंबर प्लेट को मंजूरी दे दी गई है और बैकलॉग की समस्या मार्च में समाप्त हो जाएगी. सिंध सरकार वाहनों के पंजीकरण और हस्तांतरण की एक नई बायोमेट्रिक प्रणाली शुरू करने की योजना बना रही है. उन्होंने कहा कि वाहनों के पंजीकरण और हस्तांतरण की बायोमेट्रिक प्रणाली जल्द ही बाद में शुरू की जाएगी.
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डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, एटीआईए के अहमद ने कहा कि सिंध की पारंपरिक अजरक की सीमा के साथ नई नंबर प्लेट 1,000 रुपये के बजाय 1,800 रुपये की बढ़ी हुई दरों के साथ आ रही हैं. मौजूदा कंप्यूटर सिस्टम पुराना हो गया था और उसे एक नई प्रणाली से बदलने की सलाह दी गई थी. एक्साइज अधिकारियों ने बैठक में बताया कि एक सॉफ्टवेयर सुधार परियोजना पहले से ही खरीद के शुरुआती चरणों में थी.
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