PoK में बगावत से डरा पाकिस्तान! 3 पुलिसकर्मियों की हत्या के बाद आंदोलनकारियों से लगाई यह गुहार

Pakistan-occupied Kashmir Strike: पिछले तीन दिनों से जारी शटर-डाउन हड़ताल और उपर से प्रशासन की तरफ से किए गए संचार ब्लैकआउट (इंटरनेट- कॉल बैन) की वजह से PoK में अराजक स्थिति हो गई है.

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पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर ने बगावत कर दी है
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  • पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में बगावत के कारण सरकार बातचीत के लिए गुहार लगा रही है
  • PoK में शटरडाउन हड़ताल, संचार ब्लैकआउट और आंदोलन तेज होने से हिंसा और अराजकता बढ़ गई है
  • पिछले दो दिनों में हिंसक प्रदर्शनों में आठ नागरिक और तीन पुलिसकर्मी मारे गए, सौ से अधिक घायल हुए हैं
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पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर ने बगावत कर दी है, और बगावत भी ऐसी कि पाक सरकार और आर्मी, दोनों बैकफुट पर नजर आने लगे हैं, अब बातचीत का रास्ता खोजने लगे हैं. डॉन की रिपोर्ट के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) के प्रधान मंत्री चौधरी अनवारुल हक और पाकिस्तान के संसदीय मामलों के मंत्री तारिक फजल चौधरी ने विरोध प्रदर्शनों से उत्पन्न अशांति को कम करने के लिए ज्वाइंट अवामी एक्शन कमेटी (JAAC) को बातचीत के लिए आमंत्रित किया है. PoK की बगावत हिंसा का रूप लेती जा रही है, आसिम मुनीर की सेना की गोलियों से एक बार में 8 लोगों की हत्या कर दी गई है जबकि दूसरी तरफ तीन पुलिसकर्मियों ने भी जान गंवाई है.

बातचीत करना चाहती है शरीफ सरकार

डॉन की रिपोर्ट के अनुसार पिछले तीन दिनों से जारी शटर-डाउन हड़ताल और उपर से प्रशासन की तरफ से किए गए संचार ब्लैकआउट (इंटरनेट- कॉल बैन) की वजह से PoK में अराजक स्थिति हो गई है. PoK की सरकार और संघीय मंत्रियों के साथ कुलीन विशेषाधिकारों और शरणार्थियों के लिए आरक्षित सीटों जैसे मुद्दों पर बातचीत टूटने के बाद  ज्वाइंट अवामी एक्शन कमेटी ने आंदोलन तेज कर दिया है. इसके बाद से यहां हिंसा तेजी से बढ़ी है. रिपोर्ट के अनुसार बुधवार को इस्लामाबाद में एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, चौधरी अनवारुल हक ने कहा कि बातचीत अधिकार हासिल करने का एक "सभ्य" तरीका है और सरकार ने JAAC को मेज पर वापस आमंत्रित किया है.

पाकिस्तान की सरकार गुहार लगा रही है. शहबाज के करीबी हक ने कहा, ''बातचीत को वहीं से शुरू करने का अनुरोध है जहां वह टूट गई थी… जब भी आपको उचित लगे, जहां भी JAAC बात करना चाहे, राज्य सरकार बातचीत के लिए तैयार है. मेरे मंत्री मुजफ्फराबाद, रावलकोट और मीरपुर में तैयार हैं."

8 प्रदर्शनकारियों और 3 पुलिसकर्मियों की मौत

बुधवार को मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में हड़ताल के बीच कम से कम तीन पुलिसकर्मी मारे गए और दर्जनों घायल हो गए. दूसरी तरफ पाकिस्तानी सेना और सुरक्षाबल इस विद्रोह को कुचलने के लिए अपने ही लोगों पर गोलियां चलाने से भी नहीं हिचक रहे हैं. हिंसक प्रदर्शनों में बुधवार को 8 लोगों की जान चली गई और 100 से ज्यादा घायल हो गए. NDTV को सूत्रों ने बताया कि इन 8 लोगों में से 4 की मौत बाग जिले के धीरकोट में हुई है. वहीं मुजफ्फराबाद और मीरपुर में 2-2 लोगों की मौत हुई. इससे पहले मंगलवार को मुजफ्फराबाद में दो लोग मारे गए थे. इन्हें मिलाकर पिछले दो दिनों में 10 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. 

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