Pakistan: सपने Kashmir के, आतंकवाद से नागरिकों की सुरक्षा भी नहीं - पत्रकार ने दिखाया आइना

पाकिस्तान (Pakistan) के लिए यह बेहद शर्मनाक है कि पेशावर में बड़ा आतंकी हमला (Terrorist Attack) उस दिन हुआ जब अंतर्राष्ट्रीय मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवादी फंडिंग वॉचडॉग फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने पाकिस्तान को अपनी ग्रे सूची में बनाए रखने की घोषणा की थी. 

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Pakistan की पेशावर मस्जिद पर हुए हमले में 60 से अधिक शिया मुसलमानों की मौत हुई

पाकिस्तान (Pakistan) अक्सर भारत (India) से कश्मीर (Kashmir) हासिल करने की ख्वाब देखा करता है लेकिन इस बार खुद पाकिस्तान के एक स्वतंत्र पत्रकार ने पाकिस्तान सरकार को आइना दिखा दिया है.  पाकिस्तान में बढ़ते आतंकी हमलों (Terror Attack) के बाद पाकिस्तान के एक स्वतंत्र पत्रकार नोमान हुसैन (Noman Hossain) ने अपने लेख में पाकिस्तान सरकार की धज्जियां उड़ा दी हैं. नोमान हुसैन ने एक ओपीनियन लेख में लिखा है, "पेशावर में शिया मस्जिद पर हालिया हमला पाकिस्तान की इस विडंबना को एक बार फिर सामने लेकर आया है कि जो देश कश्मीर को हासिल करने के सपने देखता है लेकिन अपने ही नागरिकों की आतंकवाद से रक्षा नहीं कर सकता है."

हुसैन ने तर्क दिया कि पाकिस्तान के पाले गए आतंकवादी अपने ही मालिक को खाने के लिए तैयार बैठे हैं. उन्होंने कहा कि पेशावर मस्जिद पर हमला यह साबित करता है कि पाकिस्तान एक नाकाम देश है और यह देश आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई करने में पूरी तरह विफल रहा है. पेशावर मस्जिद पर हुए हमले में 60 से अधिक शिया मुसलमानों की मौत हुई और 200 अन्य घायल हुए थे. आतंकी गुट इस्लामिक स्टेट ने इस हमले की ज़िम्मेदारी ली थी. 

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उन्होंने आगे तर्क दिया कि ये हमला इस हक़ीक़त की गहरी याद दिलाता है कि आतंक का कोई धर्म नहीं होता है और यह किसी को भी ख़त्म कर सकता है.

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पाकिस्तान की सरकार के लिए यह बेहद शर्मनाक है कि यह आतंकी हमला उस दिन हुआ जब अंतर्राष्ट्रीय मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवादी फंडिंग वॉचडॉग फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने पाकिस्तान को अपनी ग्रे सूची में बनाए रखने की घोषणा की थी. 

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हुसैन ने अपने लेख में कहा कि पाकिस्तान सरकार के मंत्रियों ने हमले के पीछे की साजिश के बहाने बनाकर सच्चाई से मुंह मोड़ने की कोशिश की.

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लेख में कहा गया है कि मंत्रियों ने बाहरी ताकतों को इस हमले के लिए दोषी ठहराने की कोशिश की.

पेशावर मस्जिद हमले ने कश्मीर में भी चिंता बढ़ा दी है. कश्मीर अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद सामान्य स्थिति की ओर बढ़ रहा है.

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उन्होंने कहा कि कश्मीर के लोगों ने महसूस किया है कि पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद ने उनके जीवन में तबाही मचा दी है. उन्होंने कहा कि लोगों ने अलगाववाद और तथाकथित "आजादी" के विचार को खारिज कर दिया है. हुसैन ने आगे कहा कि लोगों के बदले हुए रवैये ने नियंत्रण रेखा (LOC) के पार बैठे आतंकवादी आकाओं को भी चकित कर दिया है. पडोसी देश में बैठे आतंकवादी यह सुनिश्चित करने पर तुले हुए हैं कि कश्मीर में आम आदमी शांति से नहीं रहता है.

इसीलिए पेशावर के हमले के एक दिन बाद ही श्रीनगर के भीड़-भाड़ वाले बाजार हरि सिंह स्ट्रीट पर हुआ ग्रेनेड अटैक ना केवल यह दिखाता है कि आतंकवादी कश्मीर घाटी में गड़बड़ी के लिए किस हद तक जा सकते हैं, बल्कि यह भी दिखाना चाहता है कि आम आदमी का डर अभी गया नहीं है.  

हुसैन ने यह भी दावा किया कि कश्मीर के लोगों को पाकिस्तान ने तीन दशकों तक गुमराह किया है. उन्हें हिंसा को नकारना होगा और ऐसे देश के साथ घाटी को एकीकृत करने के विचार को त्यागना होगा जहां नमाज़ियों तक को नहीं बख़्शा जाता.  
 

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