अब तो जंग होगी...अफगानिस्‍तान से शांति वार्ता से पहले पाकिस्‍तान के ख्‍वाजा आसिफ ने तालिबान को धमकाया 

पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच शांति वार्ता का पहला दौर दोहा में हुआ था. इसके बाद तुरंत युद्धविराम हुआ था. इसके बाद इस्तांबुल में दूसरा दौर छह दिनों तक चला और एक ज्‍वॉइन्‍ट स्‍टेटमेंट के साथ खत्‍म हुआ.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
फटाफट पढ़ें
Summary is AI-generated, newsroom-reviewed
  • इस्‍तांबुल में पाकिस्‍तान और अफगानिस्‍तान के बीच तीसरे दौर की शांति वार्ता गुरुवार से शुरू हो रही है.
  • पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने तालिबान को जंग की चेतावनी देते हुए वार्ता में प्रगति की उम्मीद जताई.
  • आसिफ ने कहा कि अगर पाकिस्तान की सरजमीं और आबादी को निशाना बनाया गया तो पाकिस्तान भी उसी तरह जवाब देगा.
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।
इस्‍लामाबाद:

तुर्की की राजधानी इस्‍तांबुल में गुरुवार से फिर एक बार पाकिस्‍तान-अफगानिस्‍तान के बीच शांति वार्ता होनी है. इस वार्ता से पहले पाकिस्‍तान के रक्षा मंत्री ख्‍वाजा आसिफ ने  फिर से धमकी देने की परंपरा को निभाया है. इस बार आसिफ ने तालिबान को जंग की धमकी दे डाली है. ख्वाजा आसिफ ने मौजूदा तनाव के बीच वार्ता में प्रगति की उम्मीद जताई है. साथ ही दोनों पड़ोसी देशों के बीच तीसरे दौर की वार्ता से पहले अच्‍छे नतीजे की उम्‍मीद जताई है. 

अगर हुआ हमला तो... 

बुधवार को मीडिया से बात करते हुए, आसिफ ने कहा कि पाकिस्तान का प्रतिनिधिमंडल इस्तांबुल के लिए रवाना हो गया है. यहां पर कतर और तुर्की की मध्यस्थता में वार्ता का नया दौर जारी है. मीडिया से मुखातिब रक्षा मंत्री ने जियो न्‍यूज के एक सवाल के जवाब में कहा, 'अगर कामयाबी नहीं मिली तो फिर इस समय जो हालात हैं, वो बढ़ जाए. अगर हमारी सरजमीं पर, हमारी आबादी को निशाना बनाया जाता है तो फिर हम भी वहीं करेंगे जो वो कर रहे हैं. जंग ही होगी.'

आसिफ ने इससे पहले भी तालिबान को खुली धमकी दी थी. ख्‍वाजा आसिफ जिस समय इस्‍तांबुल में थे तो यहां से उन्‍होंने कहा था कि अफगानिस्‍तान के साथ समझौता अगर नहीं हुआ तो फिर 'खुला युद्ध' हो सकता है. खास बात है कि धमकी ऐसे समय में रक्षा मंत्री ने दी है जब खुद पाकिस्‍तान पर आईएसआईएस आतंकियों को ट्रेनिंग देने और अफगान नागरिकों को ड्रोन से निशाना बनाने के आरोप लग रहे हैं. 

टीटीपी पर कार्रवाई की बात 

रक्षा मंत्री ने साफ किया कि पाकिस्तान का लक्ष्‍य सिर्फ एक है और वह है अफगानिस्‍तान में तालिबान शासन को तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी), बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) और अफगान धरती पर सक्रिय बाकी समूहों सहित आतंकवादी संगठनों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करनी चाहिए. आसिफ ने चेताया कि अगर कोई ठोस प्रगति नहीं हुई तो पूरी वार्ता बेकार प्रयास साबित होगी. 

वार्ता पर वार्ता, नतीजा जीरो! 

पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच शांति वार्ता का पहला दौर दोहा में हुआ था. इसके बाद तुरंत युद्धविराम हुआ था. इसके बाद इस्तांबुल में दूसरा दौर छह दिनों तक चला और एक ज्‍वॉइन्‍ट स्‍टेटमेंट के साथ खत्‍म हुआ. उस बयान में शांति बनाए रखने और उल्लंघन करने वाले किसी भी पक्ष को सजा देने के लिए 'निगरानी और वैरिफिकेशन सिस्‍टम' स्थापित करने की  प्रतिबद्धता पर जोर दिया गया था. 


 

Featured Video Of The Day
₹87000 की एक कप Coffee! दुनिया की सबसे महंगी कॉफी में खास क्या? | Julith Coffee | Dubai