पाकिस्तान में हुए आम चुनाव के बाद अब मतों की गिनती जारी है. अभी तक के रुझानों में पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान की पार्टी पीटीआई को बढ़त मिलती दिख रही है. इन सब के बीच खबर आ रही है कि जेल में बंद इमरान खान ने अपनी पार्टी की जीत का दावा कर दिया है. बता दें कि स्थानीय टीवी चैनलों ने शुक्रवार को बताया कि जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान से जुड़े निर्दलीय उम्मीदवार पाकिस्तान के चुनाव में आगे चल रहे हैं. चुनाव से पहले शायद ही किसी ने ऐसी कल्पना की होगी. नवाज शरीफ की पार्टी को सबसे अधिक सीटें जीतने की उम्मीद थी, लेकिन फिलहाल ऐसा नजर नहीं आ रहा है.
गौरतलब है कि पाकिस्तान के आयोग द्वारा घोषित शुरुआती नतीजों के मुताबिक, ‘पीटीआई समर्थित' निर्दलीय उम्मीदवार अली शाह ने स्वात की पीके-4 सीट जीत ली है. उन्हें 30,022 वोट मिले. मतदान गुरुवार शाम पांच बजे तक हुआ लेकिन ईसीपी ने शुक्रवार तड़के तक यह नहीं बताया कि कौन सी पार्टी आगे है. आयोग की तरफ से की जा रही देरी को लेकर राजनीतिक दलों ने शिकायत की और चुनाव प्राधिकरण पर सवाल उठाया है. इसके बाद ईसीपी ने सभी प्रांतीय चुनाव आयुक्तों और चुनाव अधिकारियों को आधे घंटे के भीतर परिणाम घोषित करने का निर्देश दिया और कहा कि ऐसा नहीं करने पर उन्हें कड़ी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा.
इस वजह से परिणामों में हो रही है देरी
जफर इकबाल ने देरी के बारे में पूछे जाने पर संवाददाता सम्मेलन में कहा कि कि ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि चुनाव अधिकारी अब भी परिणाम संकलित कर रहे हैं. उन्होंने ‘पीटीआई' के इस दावे को भी खारिज कर दिया कि ईसीपी पार्टी की ‘‘जीत को नियंत्रित करने'' के लिए परिणामों में हेरफेर कर रहा है. इकबाल ने कहा, ‘‘ऐसा नहीं है. नतीजे शुक्रवार सुबह तक सामने आ जाएंगे.''इससे पहले, चुनाव अधिकारियों ने पंजाब और खैबर पख्तूनख्वा (केपी) प्रांतों में अधिकतर सीट पर ‘पीटीआई' की ‘‘स्पष्ट जीत'' के बाद मीडिया में परिणाम जारी करना बंद कर दिया था.
पाकिस्तान में कई जगह हुए धमाके
बता दें कि पाकिस्तान में आम चुनाव के बीच जमकर हिंसा हुई. गुरुवार को आम चुनाव के लिए मतदान के बीच हुए 51 आतंकवादी हमलों में दस सुरक्षाकर्मियों सहित कम से कम 12 लोग मारे गए और 39 अन्य घायल हो गए. पाकिस्तान के द न्यूज इंटरनेशनल ने यह जानकारी दी है. पाकिस्तान स्थित दैनिक ने सेना की मीडिया विंग इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (ISPR) के हवाले से बताया, "51 कायरतापूर्ण आतंकवादी हमलों के बावजूद, चुनाव शांतिपूर्ण रहा. इन हमलों का उद्देश्य चुनावी प्रक्रिया को बाधित करना था, लेकिन सैनिक डटे रहे और पूरे पाकिस्तान में प्रभावी ढंग से सुरक्षा और शांति सुनिश्चित की. ज्यादातर हमले केपी और बलूचिस्तान में हुए.
आतंकियों की भी हुई है मौत
रिपोर्ट में कहा गया है, "एक्टिव खुफिया फोर्स और त्वरित कार्रवाई से कई संभावित खतरों को बेअसर कर दिया गया, जो हमारे नागरिकों के लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा के लिए हमारी सुरक्षा एजेंसियों की अटूट प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है. विभिन्न ऑपरेशनों के दौरान पांच आतंकवादी भी मारे गए." एक बयान में, आईएसपीआर ने कहा कि इन हमलों में सुरक्षा बलों और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के 10 कर्मियों सहित 12 लोग मारे गए और 39 अन्य घायल हो गए.