पाकिस्तान (Pakistan) के एक संसदीय पैनल ने देश में हिंसा खत्म करने के लिए मंगलवार को औपचारिक तौर पर प्रतिबंधित समूह तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के साथ बातचीत को मंजूरी दी साथ ही यह भी कहा गया कि इस बातचीत का आखिरी नतीजा सरकार की मंजूरी पर निर्भर करेगा. पाकिस्तान की राष्ट्रीय सुरक्षा पर बनी संसदीय समिति की बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ (Shehbaz Sharif) ने की. यह बैठक संसद भवन में रखी गई थी. इसमें प्रांतों को मुख्यमंत्रियों के साथ ही गिलगित-बाल्टिस्तान के मुख्यमंत्री और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के प्रधानमंत्री और सैन्य नेतृत्व के लोग शामिल हुए.
प्रधानमंत्री कार्यालय के अनुसार, इस मीटिंग राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों के बारे में बताया गया और हाल ही में TTP के साथ हुई बातचीत के बारे में भी जानकारी दी गई. अफगान सरकार के समर्थन के साथ और सिविलियन और सैन्य अधिकारियों की अगुवाई में पाकिस्तानी सरकार अब प्रतिबंधित TTP पाकिस्तान के संविधान के फ्रेमवर्क में पाकिस्तान में क्षेत्रीय और आंतरिक शांति को मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं.
इस मीटिंग में यह बात हुई कि आखिरी नतीजे पाकिस्तान के संविधान की सीमा में संघीय सरकार की मंजूरी के बाद लागू होंगे. राष्ट्रीय सुरक्षा पर संसदीय समिति ने औपचारिक तौर से बातचीत की प्रक्रिया को मंजूरी दी और संसदीय निगरानी समिति बनाई जो संवैधानिक दायरे में इस प्रक्रिया की निगरानी करेगी.
इस बैठक में यह माना गया कि ग्रांड नेशनल रिकंसीलिएशन के महत्व को पहचाना और यह घोषणा की कि यह इस तरफ पहला कदम है.
इस बैठक से पहले पाकिस्तान पीपल्स पार्टी ने TTP के साथ बातचीत पर आपत्ति जताई थी. यही गुट बेनजीर भुट्टो की हत्या में शामिल था. पार्टी ने घोषणा की थी कि ऐसी बातचीत संसद की मंजूरी के दायरे में होनी चाहिएं.