पाकिस्तान उच्चायोग ने वार्षिक बैसाखी उत्सव में हिस्सा लेने के लिए भारत के सिख तीर्थयात्रियों को कुल 2,843 वीजा जारी किए हैं. बैसाखी उत्सव 13 अप्रैल को मनाया जाएगा. यह त्योहार सिख समुदाय के लिए सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व रखता है, क्योंकि यह सिख नव वर्ष की शुरुआत का प्रतीक है.
दोनों देशों के बीच चल रहे तनाव के बावजूद भारतीय तीर्थयात्रियों की बैसाखी के लिए पाकिस्तान में सिख पवित्र गुरुद्वारों में जाने की परंपरा जारी है. तीर्थयात्री गुरुद्वारा पंजा साहिब, गुरुद्वारा ननकाना साहिब और गुरुद्वारा करतारपुर साहिब जाएंगे.
विरासत और सांस्कृतिक आदान-प्रदान पर जोर देते हुए यह कदम दो गैर-मैत्रीपूर्ण दक्षिण-एशियाई पड़ोसियों के बीच राजनीतिक विभाजन को पार करता है.
हर साल, धार्मिक तीर्थस्थलों की यात्रा पर 1974 के पाकिस्तान-भारत प्रोटोकॉल के तहत भारत से बड़ी संख्या में सिख तीर्थयात्री पाकिस्तान जाते हैं. पाकिस्तान के प्रभारी डी' अफेयर्स साद अहमद वाराइच ने इस शुभ त्योहार को मनाने वाले सभी लोगों को हार्दिक शुभकामनाएं दीं और आने वाले तीर्थयात्रियों के लिए सफल यात्रा की कामना की.
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