9 घंटे तक इस्तांबुल में हुई पाकिस्‍तान-अफगानिस्‍तान की शांति वार्ता, तालिबान ने रखीं 4 शर्तें  

पाकिस्‍तान की तरफ से सात सदस्‍यों वाले प्रतिनिधिमंडल ने वार्ता में हिस्‍सा लिया. इस प्रतिनिधिमंडल की तरफ से अफगानिस्‍तान में मौजूद आतंकियों के कैंप्‍स और आतंकियों को खत्‍म करने की मांग दोहराई गई है.

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  • तुर्की की राजधानी इस्तांबुल में पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच नौ घंटे तक द्विपक्षीय वार्ता हुई है.
  • पाकिस्तान ने आतंकियों के कैंप खत्म करने का विस्तृत मसौदा तालिबान को प्रस्तुत किया है जो समीक्षा में है.
  • वार्ता का मकसद सीमा पार सुरक्षा चुनौतियों से निपटने और आतंकवादी गतिविधियों को रोकने के लिए साझा तंत्र बनाना.
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इस्‍तानबुल:

तुर्की की राजधानी इस्तांबुल में पाकिस्‍तान और अफगानिस्‍तान के बीच द्विपक्षीय वार्ता हुई है. दूसरे राउंड में पहुंची इस वार्ता में पाकिस्‍तान की तरफ से अफगानिस्‍तान को आतंकियों को खत्‍म करने का एक डिटेल्‍ड प्‍लान दिया गया है. सुनने में थोड़ा अजीब लग सकता है लेकिन पाकिस्‍तान की मीडिया में आई जानकारी के अनुसार सूत्रों की तरफ से बताया गया है कि तुर्की की मेजबानी वाली यह वार्ता करीब नौ घंटे तक चली है. पाकिस्‍तान और तालिबान सरकार की तरफ से हुई चर्चा में कई मसलों पर चर्चा हुई. 

पाकिस्‍तान ने रखीं अपनी मांगे 

पाकिस्‍तान की तरफ से सात सदस्‍यों वाले प्रतिनिधिमंडल ने वार्ता में हिस्‍सा लिया. इस प्रतिनिधिमंडल की तरफ से अफगानिस्‍तान में मौजूद आतंकियों के कैंप्‍स और आतंकियों को खत्‍म करने की मांग दोहराई गई है. मीटिंग के दौरान पाकिस्‍तान ने एक व‍िस्‍तृत मसौदा तालिबान को पेश किया है जिसे तालिबान अथॉरिटीज की तरफ से रिव्‍यू किया जा रहा है. पाकिस्‍तान ने फितना अल-खवारिज और बाकी आतंकी समूह शामिल हैं, पर अपने सख्त रुख को दोहराया है. 

मामले से जुड़े सूत्रों के अनुसार, इन वार्ताओं का मकसद ऐसे साझा तंत्र पर सहमति बनाना है जो सीमा-पार सुरक्षा चुनौतियों से निपटने और आतंकी गतिविधियों को रोकने में मदद करे. आने वाले दो दिनों में इस पर आगे की चर्चा होने की उम्मीद है  क्योंकि दोनों पक्ष प्रमुख सुरक्षा मुद्दों पर समान समाधान तलाश रहे हैं. 

तालिबान की हैं 4 शर्तें 

  • एक निगरानी तंत्र बनाना ताकि एक-दूसरे के खिलाफ शत्रुतापूर्ण गतिविधियों को रोका जा सके. 
  • दोनों देशों की संप्रभुता की रक्षा के लिए मौजूदा क़ानूनों का सख्‍ती से पालन करना. 
  • पिछले दो दशकों में पाकिस्‍तान की सुरक्षा चुनौतियों के मूल कारणों की समीक्षा करना. 
  • व्‍यापारिक अवरोधों को दूर करना, अफगान शरणार्थियों की जबरन वापसी रोकना और इस मुद्दे का राजनीतिकरण न होने देना. 

ख्‍वाजा आसिफ ने दी है धमकी 

इस बीच, पाकिस्‍तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने चेतावनी दी कि अगर वार्ता के जरिये से मतभेद नहीं सुलझे, तो दोनों देशों के बीच खुला युद्ध छिड़ सकता है. ख्वाजा आसिफ ने कहा, 'हमारे पास कई विकल्प हैं. अगर बातचीत बेनतीजा रहती है और हालात नहीं बदलते तो उनमें से एक विकल्प खुला टकराव भी है. बातचीत दो से तीन घंटे पहले शुरू हुई है और इसके नतीजे आज रात या कल तक सामने आ सकते हैं.' 

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