पाकिस्तान में आटे की किल्लत! पाक का पंजाब हुआ बागी तो डेढ़ गुना बढ़ी कीमतें- आपस में लड़ रहा मुल्क

पाकिस्तान के पंजाब फ्लोर मिल्स एसोसिएशन के अध्यक्ष रियाजुल्ला खान के अनुसार, प्रांत के बॉर्डर पर चौकियां बनाकर अन्य क्षेत्रों में गेहूं और आटे के परिवहन को रोका जा रहा है. इसकी वजह से खैबर पख्तूनख्वा (KP) में आटे की कीमतें आसमान छू रही हैं.

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पाकिस्तान के पंजाब में आई बाढ़ के दौरान लोगों को रेस्कू करता बचावकर्मी (AFP)
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  • पाकिस्तान के पंजाब प्रांत ने गेहूं की कमी के कारण अन्य राज्यों को गेहूं भेजने पर अघोषित प्रतिबंध लगा दिया है.
  • अधिकारियों ने इस बात से इनकार किया है कि गेंहू बाहर भेजने पर कोई प्रतिबंध लगाया गया.
  • खैबर पख्तूनख्वा में आटे की कीमतें पाक के पंजाब की तुलना में लगभग डेढ़ गुना अधिक हो गई हैं.
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पाकिस्तान में आई भयानक बाढ़ ने उसके लिए गरीबी में आटा गीला वाली स्थिति पैदा कर दी है. पाकिस्तान के पंजाब राज्य ने अपने यहां से गेहूं को दूसरे राज्यों में भेजने पर अघोषित प्रतिबंध लगा दिया है. इसकी वजह पाकिस्तान में आटे की गंभीर कमी हो गई है और अन्य प्रांतों में कीमतें डेढ़ गुना तक बढ़ गई है. ऐसे में पाकिस्तान में राजनेताओं और मिल मालिकों के बीच सिर फुटव्वल की स्थिति आ गई है. यह रिपोर्ट पाकिस्तान के अखबार डॉन ने छापी है.

न्यूज एजेंसी ANI ने डॉन की रिपोर्ट के हवाले से लिखा है कि पाकिस्तान के पंजाब में अधिकारियों ने इस बात से इनकार किया है कि गेंहू बाहर भेजने पर औपचारिक प्रतिबंध लगाया गया है. लेकिन उन्होंने गेहूं की "असामान्य" आवाजाही पर नजर रखने के लिए चौकियां स्थापित करने की बात स्वीकार की. लेकिन अब पाकिस्तान के दूसरे राज्यों ने तर्क दिया कि ऐसा करना फ्री मार्केट की भावना के विपरीत हैं और संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन करता है.

पंजाब के इनकार से महंगा हो गया आटा

पंजाब फ्लोर मिल्स एसोसिएशन के अध्यक्ष रियाजुल्ला खान के अनुसार, प्रांत के बॉर्डर पर चौकियां बनाकर अन्य क्षेत्रों में गेहूं और आटे के परिवहन को रोका जा रहा है. इसकी वजह से खैबर पख्तूनख्वा (KP) में आटे की कीमतें आसमान छू रही हैं. यहां 20 किलो का बैग अब 2,800 पाकिस्तानी रुपए तक बिक रहा है, जबकि पंजाब में यह लगभग 1,800 पाकिस्तानी रुपए में बिक रहा है. केपी के गवर्नर फैसल करीम कुंडी ने इस बैन को "अनुच्छेद 151 का घोर उल्लंघन" और "राष्ट्रीय एकता का गंभीर उल्लंघन" कहा है.

प्राकृतिक आपदाओं के कारण हुई कमी या कम उत्पादन के कारण 2020, 2022 और 2023 में इसी तरह के संकट देखे गए थे. पाकिस्तान का पंजाब पहले कीमतों को स्थिर करने के लिए हर बार फसल कटने पर 40 लाख टन से अधिक गेहूं की खरीद और भंडारण करता था, लेकिन अंतरराष्ट्रीय समझौतों के तहत वह इस भूमिका से पीछे हट गया.

पंजाब के अधिकारियों ने खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने और जमाखोरी और तस्करी को रोकने का हवाला देते हुए प्रतिबंधों का बचाव किया. उन्होंने तर्क दिया कि स्थानीय उपभोक्ताओं की सुरक्षा के लिए गेहूं को चारा मिलों में ले जाने या अन्य प्रांतों में बढ़ी हुई दरों पर बेचने से रोकना महत्वपूर्ण था. हालांकि दूसरी तरफ इन प्रतिबंधों की खैबर पख्तूनख्वा और सिंध ने निंदा की है, जो पंजाब की गेहूं आपूर्ति पर बहुत अधिक निर्भर हैं.

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