Pakistan में China की पसंद से PM बने Shehbaz Sharif ? ये है इस चर्चा की बड़ी वजह

क्या शहबाज़ (Shehbaz) को पाकिस्तान का प्रधानमंत्री (Pakistan PM) बनने में चीन (China) ने मदद की? इस सवाल के जवाब में पाकिस्तान के पत्रकार ने बताया, "इस बात में कोई शक नहीं है कि पाकिस्तान में सेना के अधिकारियों और चीन के सिक्योरिटी अधिकारियों के बीच बहुत अच्छा संपर्क है. पिछले तीन साल में कई खबरें ऐसी आईं थीं कि इमरान खान (Imran Khan) से चीन खुश नहीं है और इमरान ने कई विकास परियोजनाएं रद्द कर दीं और CPEC की स्पीड धीरे हो गई. शायद सेना भी इसे लेकर खान साहब से नाराज हो क्योंकि चीन का दबाव होगा."

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Pakistan में नए PM Shehbaz को China की पसंद का PM कहा जा रहा है

पाकिस्तान (Pakistan) में शहबाज़ शरीफ (Shehbaz Sharif) चीन (China) की पसंद का प्रधानमंत्री (PM) बताया जा रहा है जबकि इमरान खान (Imran Khan) से चीन के नाराज होने की खबरें आईं थीं. हालांकि चीन पाकिस्तान का पुराना दोस्त रहा है और चीन की तरफ से बयान आया था कि पाकिस्तान के राजनैतिक संकट का चीन-पाकिस्तान (China-Pakistan) संबंधों पर कोई असर नहीं पड़ेगा. CPEC के रूप में पाकिस्तान में चीन का मोटा निवेश भी है. लेकिन शहबाज़ शरीफ को चीन की पसंद का प्रधानमंत्री क्यों कहा जा रहा है?

चीन से शहबाज़ का है पुराना संबंध

इस सवाल पर पाकिस्तान के पत्रकार अब्दुल्लाह ज़फर (Abudullah Zafar) ने NDTV को बताया,  "शहबाज़ शरीफ और चीन का रिश्ता बहुत पुराना है. जब वो 2008 में शहबाज़ पंजाब में मुख्यमंत्री बने थे तब से पंजाब में चीन के साथ मैट्रो प्रोजेक्ट आया, चीनी इंजीनियर पाकिस्तान आए.

उन्होंने आगे बताया कि चीन हमेशा से शहबाज़ शरीफ से काफी प्रभावित रहा है. चीन ने शहबाज शरीफ के प्रशासनिक गुणों की तारीफ भी की थी. अब्दुल्लाह ने याद करते हुए NDTV को बताया, "एक बार जब कुछ साल पहले शहबाज़ शरीफ की कोर्ट में पेशी थी. उन्हें जेल से कोर्ट में ले जाया जा रहा था. लेकिन तभी एक ब्रेकिंग आई की चीन ने शहबाज की तारीफ की है.  तब के चीन के एक अधिकारी ने उनकी तारीफ में अपने लेटर हैड पर एक पत्र लिखा था कि शहबाज शरीफ एक ईमानदार व्यक्ति है और जिस तेजी से शहबाज शरीफ काम करवाता है, उसकी कोई मिसाल नहीं है."   

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क्या शहबाज़ शरीफ से प्रधानमंत्री बनने के पीछे चीन?

क्या शहबाज़ को पाकिस्तान का प्रधानमंत्री बनने में चीन ने मदद की? इस सवाल के जवाब में अब्दुल्लाह बताते हैं, "इस बात में कोई शक नहीं है कि पाकिस्तान में सेना के अधिकारियों और चीन के सिक्योरिटी अधिकारियों के बीच बहुत अच्छा संपर्क है. पिछले तीन साल में कई खबरें ऐसी आईं थीं कि इमरान खान से चीन खुश नहीं है और इमरान ने कई विकास परियोजनाएं रद्द कर दीं और CPEC की स्पीड धीरे हो गई. शायद सेना भी इसे लेकर खान साहब से नाराज हो क्योंकि चीन का दबाव होगा, लेकिन मेरे ख्याल से यह समझना जरूरी है कि शायद चीन के साथ खान साहब के रिश्ते सुधर गए हों. हो सकता है कि यह इतना बड़ा फैक्टर ना हो. मुझे निजी तौर पर नहीं लगता कि चीन का कोई हस्तक्षेप रहा होगा. लेकिन यह छिपा नहीं है कि चीन को इमरान खान से दिक्कत थी." 

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लाहौर से पाकिस्तान टुडे के सिटी हेड रह चुके अब्दुल्लाह ज़फर ने कहा, "सेना पर इल्जाम है कि विपक्ष को उन्होंने ही इकठ्ठा किया है. पहले लोग सेना के हक में नारे लगाते थे, वो अब सड़क पर उतर पर उन्हें गाली दे रही हैं.यह बात सेना को चुभ रही है. इमरान खान की पार्टी पीटीआई के लोग भी ऐसे इल्जाम लगा रहे हैं. हो सकता है कि  ऐसी कोई संभावना हो लेकिन मुझे नहीं लगता कि ऐसा हुआ है."

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शहबाज शरीफ ने भी प्रधानमंत्री बनने के बाद चीन की अटकी पड़ी CPEC परियोजना को पूरा करने का वादा किया है. चीनी मीडिया ग्लोबल टाइम्स  ने इसे प्रमुखता से कवर किया है. पाकिस्तानी मीडिया में भी इस बात का ज़िक्र है कि चीन के आधिकारिक मीडिया ने भी खुशी जताते हुए कहा है कि शहबाज़ शरीफ के पाकिस्तान में प्रधानमंत्री बनने से CPEC में चीजें बेहतर होंगी और शहबाज शरीफ के प्रधानमंत्री बनने का स्वागत किया गया है.  

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