दोस्त को भी न छोड़े चीन! पाकिस्तान कंगाल लेकिन बकाया बिजली बिल के साथ लेट चार्ज वसूलने पर अड़ा ड्रैगन

पाकिस्तान के अधिकारियों ने पुष्टि की कि डेवलपमेंट फाइनेंस कॉर्पोरेशन (डीएफसी) और चीन के आईपीपी, दोनों बकाए के ब्याज का पैसा छोड़ने को तैयार नहीं हैं- रिपोर्ट

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पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (फाइल फोटो)
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  • चीनी स्वतंत्र बिजली उत्पादकों ने पाकिस्तान के सर्कुलर लोन के बकाए और लेट पेमेंट सरचार्ज माफ करने से इंकार किया
  • चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे के तहत नौ वर्षों में चीन को पाकिस्तान से 423 अरब रुपये बकाया हैं.
  • पाकिस्तान ने चीनी बिजली बिलिंग का केवल लगभग 92 प्रतिशत भुगतान किया है और बाकी बकाया है.
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चीन वो दोस्त है जो आपके घर आकर तो साथ में डिनर कर लेगा, साथ-साथ मॉल घूम लेगा लेकिन आपके हिस्से के रिक्शा किराए का 10 रुपए भी नहीं देगा. पाकिस्तान की कंगाली किसी से छिपी नहीं है लेकिन चीन उसपर रहम दिखाने को राजी भी नहीं हो रहा है. पाकिस्तान के प्रधान मंत्री शहबाज शरीफ जल्द ही चीन यात्रा पर निकलने वाले हैं लेकिन उसे के पहले ही उनको बड़ा झटका लगा है. चीन के स्वतंत्र बिजली उत्पादकों (आईपीपी) ने सर्कुलर लोन को निपटाने की पाकिस्तान सरकार की योजना में बकाया राशि के साथ-साथ देर से भुगतान के लिए लगने वाले सरचार्ज (LPS) को माफ करने से इनकार कर दिया है. डॉन की रिपोर्ट के अनुसार द न्यूज ने यह रिपोर्ट छापी है.

रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान के अधिकारियों ने पुष्टि की कि डेवलपमेंट फाइनेंस कॉर्पोरेशन (डीएफसी) और आईपीपी, दोनों बकाए के ब्याज का पैसा छोड़ने को तैयार नहीं हैं. टॉप के आधिकारिक सूत्रों ने मंगलवार को द न्यूज से बात करते हुए पुष्टि की, "चीनी आईपीपी LPS को माफ नहीं कर रहे हैं, इसलिए बिजली मंत्रालय को सर्कुल लोन की राशि के साथ ब्याज का भुगतान करने की मंजूरी लेनी पड़ सकती है."

चीन से बिजली का कितना बकाया?

डॉन की रिपोर्ट के अनुसार चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) के तहत कुल 18 चीनी आईपीपी हैं. पिछले नौ वर्षों में (2017 से 2025 तक) उनकी कुल बिजली बिलिंग 5.48 ट्रिलियन पाकिस्तानी रुपये थी. पाकिस्तान ने इनमें से 5.06 ट्रिलियन रुपये का भुगतान किया है जबकि बकाया राशि 423 अरब रुपये है. यानी पिछले नौ वर्षों में चीनी आईपीपी को पाकिस्तान ने बिलिंग राशि का केवल 92% दिया है.

रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के अलावा वित्त मंत्री मुहम्मद औरंगजेब के भी अगले महीने चीन जाने की संभावना है. इस्लामाबाद अगले कुछ महीनों में पांडा बांड लॉन्च करना चाहता है. चीनी आईपीपी की यह अटकी हुई रकम अब तक पाकिस्तान के लिए एक बड़ी बाधा के रूप में सामने आई है.
 

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