- पाकिस्तान के रक्षा प्रमुख असीम मुनीर ने मई में भारत के साथ सैन्य संघर्ष में अल्लाह की मदद मिलने का दावा किया
- उन्होंने अफगानिस्तान में तालिबान को पाकिस्तान या तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के बीच चयन करने को कहा है
- मुनीर ने कहा कि सीमा पार घुसपैठ करने वाले आतंकवादी समूहों में अधिकांश अफगान नागरिक शामिल हैं
पाकिस्तान के रक्षा प्रमुख, फील्ड मार्शल असीम मुनीर ने दावा किया है कि मई में भारत के साथ सैन्य संघर्ष के दौरान पाकिस्तान को अल्लाह की मदद मिली थी. पहलगाम हमले के बाद भारत ने ऑपरेशन सिन्दूर के तहत पाकिस्तान के अंदर कई आतंकी ठिकानों पर हमला किया था और पाक सेना के उकसावे का भी माकूल जवाब दिया था. मुनीर उसी हारे हुए सैन्य संघर्ष की बात कर रहे हैं. उन्होंने अफगानिस्तान में बैठे तालिबान को कहा है कि या तो वह पाकिस्तान को चुने या फिर तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) को. उन्होंने दावा किया कि पाकिस्तान में सीमा पार से घुसपैठ करने वाले अधिकांश आतंकवादी समूहों में अफगान नागरिक शामिल हैं.
मुनीर की तरफ से यह टिप्पणी इस महीने की शुरुआत में इस्लामाबाद में राष्ट्रीय उलेमा सम्मेलन के दौरान की गई थी, जहां मुनीर ने कुरान की कई आयतें भी पढ़ी थीं.
पाकिस्तान को मिली थी अल्लाह की मदद- मुनीर
भारत के साथ मई में हुए चार दिवसीय सैन्य संघर्ष के बारे में बोलते हुए, मुनीर ने कहा कि भारत के खिलाफ पाकिस्तान की हार के दौरान सशस्त्र बलों को अल्लाह की मदद मिली थी. उन्होंने कहा कि हमले अल्लाह की मदद को देखा और उसे महसूस किया.
गौरतलब है कि भारत ने पहलगाम हमले का जवाब देते हुए पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी बुनियादी ढांचे को निशाना बनाते हुए 7 मई को ऑपरेशन सिन्दूर शुरू किया. पहलगाम हमले में 26 नागरिक मारे गए थे. भारत के जवाबी हमलों के कारण दोनों देशों के बीच चार दिनों तक तीव्र झड़पें हुईं और 10 मई को सैन्य कार्रवाई रोकने की सहमति के साथ समाप्त हुई.













