- पाकिस्तान ने सीजफायर तोड़ते हुए अफगानिस्तान के पाक्तिका प्रांत में 3 जगह एयरस्ट्राइक कर कम से कम दस लोग मारे.
- इस हमले में तीन अफगानी क्रिकेटर कबीर, सिबघतुल्लाह और हारून की मौत हो गई. अफगानिस्तान ने बदला लेने की कसम खाई.
- दोनों देशों के बीच सीमा विवाद और आतंकवाद के आरोपों के कारण हाल ही में संघर्ष बढ़ा है.
Pak Airstrike in Afghanistan पाकिस्तान ने सीजफायर तोड़ते हुए अफगानिस्तान पर शुक्रवार देर रात एयरस्ट्राइक कर दी. एएफपी के अनुसार, इसमें कम से कम 10 लोग मारे गए. मरने वालों में तीन अफगानी क्रिकेटर भी शामिल हैं. सीजफायर के बीच पाकिस्तान की ओर से ये हमला किया गया है. अफगानिस्तान ने इस हमले के बाद बदला लेने की कसम खाई है. इसके साथ ही अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड (ACB) ने नवंबर के अंत में होने वाली ट्राई-नेशन T20I सीरीज से अपना नाम वापस लेने की घोषणा की है.
अफगानिस्तान की कसम
एक वरिष्ठ तालिबान अधिकारी ने एएफ़पी को अपनी पहचान गोपनीय रखने की शर्त पर, कहा, "पाकिस्तान ने युद्धविराम तोड़ा और पाक्तिका प्रांत के तीन स्थानों पर बमबारी की." उन्होंने कहा, "अफगानिस्तान बदला लेगा." एक प्रांतीय अस्पताल के अधिकारी ने एएफ़पी को, अपनी पहचान गोपनीय रखने की शर्त पर, बताया कि हमलों में दस नागरिक मारे गए और 12 अन्य घायल हो गए, इसमें दो बच्चे भी मृतकों में शामिल थे.
अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने AFP को बताया कि एक टूर्नामेंट के लिए क्षेत्र में मौजूद तीन क्रिकेटर्स कबीर, सिबघतुल्लाह और हारून की इस हमले में मौत हो गई. इसने यह भी कहा कि वह अगले महीने पाकिस्तान के साथ होने वाली त्रिदेशीय टी20 सीरीज से बाहर हो रहा है.
पाकिस्तान ने क्यों की एयरस्ट्राइक
पाकिस्तान में, एक वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी ने AFP को बताया कि बलों ने अफगान सीमा क्षेत्रों में 'सटीक हवाई हमले' किए हैं, जिसका लक्ष्य हाफिज गुल बहादुर समूह था, जो स्थानीय गुट है और पाकिस्तान में तहरीक-ए-तलिबान (TTP) से जुड़ा है - पाकिस्तानी तालिबान. इस्लामाबाद ने कहा कि यही ग्रुप उत्तरी वज़ीरिस्तान जिले में, जो अफगानिस्तान से सटा है, एक सैन्य शिविर पर आत्मघाती बम और गोलीबारी हमले में शामिल था, जिसमें सात पाकिस्तानी अर्धसैनिक सैनिक मारे गए थे.
क्यों शुरू हुआ दोनों देशों में विवाद
अफगानिस्तान पर पाकिस्तान आरोप लगाता रहा है कि वह अपने क्षेत्र में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) द्वारा नेतृत्व किए गए उग्रवादी समूहों को पनाह दे रहा है, जो कि पाकिस्तानी तालिबान है, जबकि काबुल इस दावे से इनकार करता रहा है. भारत दौरे पर जब अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आए तो सीमापार हिंसा शनिवार से नाटकीय रूप से बढ़ गई थी. उनके आने के बाद विस्फोटों ने अफगान राजधानी काबुल को झकझोर दिया. इसके बाद तालिबान ने पाकिस्तान के साथ अपनी दक्षिणी सीमा के कुछ हिस्सों में आक्रामक कार्रवाई शुरू की, जिससे इस्लामाबाद ने अपनी तरफ से कड़ा जवाब दिया.
सीजफायर कब हुआ
बुधवार को 1300 जीएमटी पर संघर्ष विराम शुरू हुआ, तो इस्लामाबाद ने कहा कि यह 48 घंटे तक चलेगा, लेकिन काबुल ने कहा कि संघर्ष विराम तब तक प्रभावी रहेगा, जब तक कि पाकिस्तान इसका उल्लंघन नहीं करता. पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा मुहम्मद आसिफ ने काबुल पर 'भारत के प्रॉक्सी' के रूप में काम करने और पाकिस्तान के खिलाफ 'साजिश' रचने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, "जहां भी आतंकवाद का स्रोत होगा, उसे भारी कीमत चुकानी पड़ेगी." वहीं तालिबान सरकार के प्रवक्ता ज़बिहुल्लाह मुजाहिद ने कहा कि इसके बलों को यह आदेश दिया गया है कि वे तब तक हमला न करें जब तक कि पाकिस्तानी बल पहले हमला न करें. यदि वे करते हैं, तो आपके पास अपने देश की रक्षा करने का हर अधिकार है."