न्यूयार्क में मंच पर हमले के बाद उपन्यासकार सलमान रुश्दी की सर्जरी की गई

Salman Rushdie Attacked: सलमान रुश्दी को हेलीकॉप्टर से अस्पताल ले जाया गया. वहां उनकी सर्जरी की गई, उनके एजेंट एंड्रयू वायली ने ट्विटर पर एक बयान में कहा, उनकी स्थिति पर जल्द से जल्द अपडेट दिया जाएगा

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प्रख्यात लेखक सलमान रुश्दी पर अमेरिका के न्यूयार्क में एक कार्यक्रम में हमला हुआ है.
न्यूयार्क:

ब्रिटिश लेखक सलमान रुश्दी (Salman Rushdie), जो कि अपने लेखन के कारण ईरान के मौत के फतवे को लेकर निशाने पर बने रहे, पर शुक्रवार को हुए हमले के बाद उनकी इमरजेंसी सर्जरी की गई गई. न्यूयॉर्क स्टेट में एक साहित्यिक कार्यक्रम में एक हमलावर ने उन पर छुरे से हमला किया था. पुलिस ने कहा कि एक संदिग्ध व्यक्ति ने मंच पर आकर रुश्दी और इंटरव्यू करने वाले एक व्यक्ति पर हमला कर दिया. इससे रुश्दी की "गर्दन पर एक घाव" हो गया.

सलमान रुश्दी को हेलीकॉप्टर से अस्पताल ले जाया गया. वहां उनकी सर्जरी की गई, उनके एजेंट एंड्रयू वायली ने ट्विटर पर एक बयान में कहा, उनकी स्थिति पर जल्द से जल्द अपडेट दिया जाएगा.

सोशल मीडिया पर आए फुटेज में लोगों को हमले के तुरंत बाद इमरजेंसी मेडिकल केयर का इंतजाम करते हुए दिखाए गए हैं. इंटरव्यू करने वाले के सिर में भी चोट आई है.

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एक संदिग्ध को राज्य पुलिस ने हिरासत में ले लिया है. उसने अपनी पहचान और संभावित मकसद के बारे में तत्काल कोई जानकारी नहीं दी है.

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हमला उस समय हुआ जब रुश्दी चौटाउक्वा इंस्टीट्यूशन में भाषण देने वाले थे. यह संस्थानन बफ़ेलो शहर से 70 मील (110 किलोमीटर) दक्षिण में एक शांत झील के किनारे है. यहां के समुदाय की ओर से आर्ट पर कार्यक्रम आयोजित किया जाता है.

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न्यूयॉर्क की गवर्नर कैथी होचुल ने हमले की घटना की निंदा की और रुश्दी को लेकर कहा कि " वे एक ऐसे व्यक्ति के रूप में सम्मानित हैं जिन्होंने सच बोलते हुए दशकों बिताए हैं."

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उन्होंने कहा, "हम सभी तरह की हिंसा की निंदा करते हैं और हम चाहते हैं कि लोगों को बोलने और सच लिखने की आजादी हो."

एक दशक छिपकर जीवन गुजारा

सलमान रुश्दी के अनुवादकों और प्रकाशकों की हत्या या हत्या के प्रयास के बाद उन्हें ब्रिटेन में सरकार ने पुलिस सुरक्षा प्रदान की. ब्रिटेन में ही उन्होंने अपना घर बनाया. 

लगभग एक दशक तक छिपे रहने, बार-बार घर बदलने और अपने बच्चों को यह बताने में असमर्थ रहे कि वे कहां रहते हैं.

रुश्दी 1990 के अंत से छिपे रहे. सन 1998 में जब ईरान ने कहा कि वह उनकी हत्या का समर्थन नहीं करेगा, तो उन्होंने उभरना शुरू किया.

रुश्दी अब न्यूयॉर्क में रहते हैं और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के पैरोकार हैं. विशेष रूप से 2015 में पेरिस में इस्लामवादियों द्वारा फ्रांसीसी व्यंग्य पत्रिका चार्ली हेब्दो के कर्मचारियों को गोली मारने के बाद से वे पत्रिका के बचाव में मजबूती से खड़े हैं.

उक्त पत्रिका ने मोहम्मद के चित्र प्रकाशित किए थे जिन पर दुनिया भर के मुसलमानों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी. 

रुश्दी की शिरकत वाले साहित्यिक कार्यक्रमों के खिलाफ धमकी और बहिष्कार जारी है. सन 2007 में उनको नाइटहुड मिलने पर ईरान और पाकिस्तान में विरोध प्रदर्शन हुए थे. वहां एक सरकार के एक मंत्री ने कहा कि यह सम्मान आत्मघाती बम विस्फोटों को उचित ठहराता है.

मौत का फतवा रुश्दी के लेखन को दबाने में विफल रहा, और इसने उन्हें संस्मरण "जोसेफ एंटोन" लिखने को प्रेरित किया. एक अन्य उपनाम से यह उन्होंने तब लिखा जब वे छिपे हुए थे. 

उपन्यास "मिडनाइट्स चिल्ड्रन" 600 से अधिक पेजों का है. यह रंगमंच और सिल्वर स्क्रीन ने भी अपनाया. उनकी पुस्तकों का 40 से अधिक भाषाओं में अनुवाद किया गया है.

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