- नास्त्रेदमस ने 470 साल पहले 2026 के लिए ऐसी भविष्यवाणी की है जिसमें वैश्विक तबाही के संकेत मिलते हैं
- 2026 में मंगल ग्रह की ताकत की बात कही जिसका मतलब युद्ध, राजनीतिक तनाव और सैन्य संघर्ष से लगाया जा रहा है
- पूर्वी दिशा से तीन आग उठने का मतलब एशियाई देशों जैसे चीन, भारत और दक्षिण पूर्व एशिया की बढ़ती ताकत हो सकता है
अगर कल क्या होगा, यह जानने का मौका आपको आज ही मिले तो क्या कीजिएगा? भले आप भविष्यवाणियों में यकीन ना करते हों, दिल एक बार को कहेगा कि चलो सुन ही लेते हैं. दूसरी तरफ अगर आप भविष्यवाणियों में मानते हैं तो आपने नास्त्रेदमस का नाम जरूर सुना होगा. नास्त्रेदमस को दुनिया के सबसे महान भविष्यवक्ता माना जाता है, ऐसा इंसान जो भविष्य की बात बता सकता है. नास्त्रेदमस ने आज से करीब 470 साल पहले ऐसी कई भविष्यवाणियां की थीं जो कई मौकों पर सच साबित हुईं. मिशेल डी नास्त्रेदम के रूप में जन्मे नास्त्रेदमस 16वीं शताब्दी के एक फ्रांसीसी ज्योतिषी और चिकित्सक थे. लेकिन दुनिया ने उन्हें उनकी भविष्यवाणियों के लिए जाना. चलिए आपको बताते हैं नास्त्रेदमस ने अलगे साल यानी 2026 के लिए क्या भविष्यवाणी की है.
जब नास्त्रेदमस का नाम लिया जाता है, तो ज्यादातर लोगों की आंखें चमक उठती हैं - कुछ की डर से तो कुछ की जिज्ञासा से. अब नास्त्रेदमस ने 2026 की भविष्यवाणी करते हुए जो पहले लिखी है, उसमें तबाही का संकेत मिलता है. नास्त्रेदमस पहेलियों में ही बात कहते थे और आज उसका मतलब निकाला जाता है. उन्होंने 2026 के लिए लिखा था
“जब मंगल तारों के बीच अपने पथ पर शासन करेगा,
इंसानी खून अभयारण्य पर छिड़केगा.
पूर्वी दिशा से तीन आग उठेगी,
जबकि पश्चिम मौन में अपनी रोशनी खो देगा”
मंगल का राज… दुनिया में बड़े जंग का संकेत या अंतरिक्ष में कुछ होगा?
सिटी मैगजिन की रिपोर्ट के अनुसार मंगल को युद्ध, संघर्ष और आग का ग्रह कहते हैं और 2026 की शुरुआत में इसका एक मजबूत ज्योतिषीय प्रभाव होगा. ज्योतिष में, इसका मतलब अक्सर आक्रामकता, राजनीतिक तनाव, अशांति और यहां तक कि सैन्य संघर्ष में वृद्धि है. अगर आज की दुनिया के संदर्भ में देखें तो इस पहेली वाली भविष्यवाणी को हम सुपर पावर्स के बीच पहले से ही उबल रहे संघर्ष से जोड़ सकते हैं. चीन और अमेरिका के बीच तनाव, पश्चिम और पूर्व के बीच फिर से जिंदा होते कोल्ड वॉर और हथियारों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की बढ़ती अप्रत्याशित भूमिका से जोड़ा जाता है.
पूर्वी दिशा से तीन आग उठेगी… यह क्या है?
इसका मतलब युद्ध से हो सकता है, यह प्राकृतिक आपदाएं हो सकती हैं, लेकिन कई लोग इसकी पूर्व की ओ से आने वाली नई ताकतों के प्रतीक के रूप में व्याख्या करते हैं: चीन, भारत और दक्षिण पूर्व एशिया. चीन पहले से ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, बायो टेक और भू-राजनीतिकत मोर्चे पर अपने प्रभाव में अग्रणी भूमिका निभा रहा है. भारत भी तकनीकी इनोवेशन और अपनी जनसांख्यिकीय शक्ति के साथ तेजी से आगे बढ़ रहा है. यहां पूर्व से आग उठने की बात कही गई है. इसका अर्थ दुनिया का पूर्ण डिजिटल परिवर्तन से हो सकता है, जो सीधे एशिया में हो रहा है. पश्चिम मौन में अपनी रोशनी खो देगा– यह पहेली संकेत दे रही कि आने वाले साल में पश्चिमी देश अकेली ताकत नहीं रहेंगे, उसकी ताकत कमजोर हो जाएगी.
'सात महीने, महान युद्ध'
नास्त्रेदमस की एक और पहेली जो अगले साल में फिट होती है वह है: "सात महीने का महान युद्ध, बुराई के कारण मारे गए लोग / रूएन, एवरेक्स द किंग विफल नहीं होंगे."
कुछ विशेषज्ञों ने इसका अर्थ यह लगाया है कि दोनों देशों के बीच संघर्ष बढ़ सकता है, अन्य ने इसे तीसरे विश्व युद्ध से जोड़ा है, जिसका संकेत बाबा वेंगा ने भी दिया है.